लखनऊ, 13 अगस्त (ए) समाजवादी पार्टी (सपा) ने रविवार को अपनी नई उत्तर प्रदेश राज्य कार्यकारिणी इकाई के गठन की घोषणा की। पार्टी का कहना है कि उसने कार्यकारिणी गठन में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक (पीडीए) फार्मूला का पालन किया है। .
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने 2022 के विधानसभा चुनाव के बाद पार्टी की राष्ट्रीय और प्रांतीय इकाइयों समेत सभी सहयोगी संगठनों की कार्यकारिणी भी भंग कर दी थी। .
पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने हाल ही में 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए पिछड़े वर्ग, दलित और अल्पसंख्यक के संयोजन के रूप में ‘पीडीए फॉर्मूला’ पेश किया था। उनका मानना है कि पीडीए फार्मूला की मदद से अगले लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को पराजित किया जा सकता है।
नई प्रदेश कार्यकारिणी में वरिष्ठ सपा सदस्य मोहम्मद आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम को प्रदेश सचिव बनाया गया है।
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ”सपा ने पार्टी काडर को उचित महत्व देने की कोशिश करते हुए सूची में ‘पीडीए’ (पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक) को आगे बढ़ाया है।”
उन्होंने कहा कि रविवार को घोषित सपा की राज्य कार्यकारिणी में इरफानुल हक, सीएल वर्मा, श्यामपाल बिंद और आरएस बिंद उपाध्यक्ष होंगे और राजकुमार मिश्रा कोषाध्यक्ष बनाए गए हैं।
चौधरी ने कहा कि इकाई में अन्य लोगों के अलावा 61 सचिव, 48 सदस्य और 62 विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे।
उन्होंने कहा कि 182 सदस्यीय प्रदेश कार्यकारिणी की घोषणा अखिलेश यादव की मंजूरी के बाद की गई है। अपने गढ़ रामपुर और आज़मगढ़ में विधानसभा चुनावों और लोकसभा उपचुनावों में हार के बाद पार्टी को पुनर्जीवित करने के प्रयास के तहत सपा मुखिया ने पिछले साल अपने सभी संगठनों की राष्ट्रीय, राज्य और जिला कार्यकारिणी को भंग कर दिया था। केवल प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को बरकरार रखा गया था।