दिल्ली, 20 सितंबर (ए) कांग्रेस संसदीय दल की प्रमुख सोनिया गांधी ने बुधवार को लोकसभा में ‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ का समर्थन किया और सरकार से यह आग्रह किया कि जाति आधारित जनगणना करा कर विधेयक में अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के साथ ही अन्य पिछड़े वर्गों (ओबीसी) की महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए।
उन्होंने लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने के प्रावधान वाले ‘संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023’ पर निचले सदन में चर्चा की शुरुआत करते हुए यह भी कहा कि कानून बनने के साथ इसे जल्द से जल्द लागू किया जाए क्योंकि इसे लागू करने में देरी भारत की महिलाओं के साथ घोर नाइंसाफी होगी।
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने स्थानीय निकायों में महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित करने में अपने पति और पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के योगदान को याद किया और कहा कि इस महिला आरक्षण विधेयक के पारित होने से उनके दिवंगत पति का अधूरा सपना पूरा होगा।
उन्होंने कहा, ‘‘ कांग्रेस इस विधेयक का समर्थन करती है। इसके पारित होने से हमें खुशी होगी। लेकिन मैं सवाल पूछना चाहती हूं। पिछले 13 वर्षों से महिलाएं अपनी राजनीतिक भागीदारी का इंतजार कर रही हैं, अब कुछ और वर्ष तक इंतजार करने के लिए कहा जा रहा है। कितने वर्ष? दो वर्ष, चार वर्ष, छह वर्ष या आठ वर्ष? क्या भारत की स्त्रियों के साथ यह बर्ताव उचित है?’’
सोनिया गांधी ने सरकार से आग्रह किया, ‘‘इस विधेयक को फौरन अमल में लाया जाए। लेकिन जाति जनगणना कराकर एससी, एसटी और ओबीसी महिलाओं के लिए आरक्षण की व्यवस्था की जाए। इसके लिए जो कदम उठाना जरूरी है, उसे उठाना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मेरी मांग है कि इस विधेयक के रास्ते की रुकावटों को दूर करते हुए इसे जल्दी से जल्दी से लागू किया जाए। ’’
सोनिया गांधी का कहना था, ‘‘यह मेरी जिंदगी का बहुत मार्मिक क्षण है। स्थानीय निकायों में महिलाओं की भागीदारी तय करने वाला संविधान संशोधन विधेयक मेरे जीवनसाथी राजीव गांधी जी ही लेकर आए थे जो राज्यसभा में सात वोटों से गिर गया था। बाद में पीवी नरसिंह राव जी के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने उसे पारित करवाया। आज उसी का नतीजा है कि देश में 15 लाख चुनी हुई महिला नेता हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राजीव गांधी जी का सपना अभी तक आधा ही पूरा हुआ है। इस विधेयक के पारित होने के साथ ही वह पूरा होगा। ’’
कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष ने भारतीय महिलाओं के गुणों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘भारत की स्त्री में महासागर जैसा धीरज है, उसने अपने साथ हुई नाइंसाफी की शिकायत नहीं की। सिर्फ अपने फायदे के बारे में कभी नहीं सोचा। उसने नदियों की तरह सबकी भलाई के लिए काम किया। मुश्किल वक्त में हिमालय की तरह अडिग रही।’’
उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय स्त्री ने कठिन समय में महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, सरदार पटेल, बाबासाहेब आंबेडकर और मौलाना आजाद के सपनों को जमीन पर उतारकर दिखाया है।
‘नारीशक्ति वंदन विधेयक’ के कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की संख्या मौजूदा 82 से बढ़कर 181 हो जाएगी। राज्य विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी।
कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मंगलवार को लोकसभा में कहा था कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया था कि महिलाओं की आरक्षित सीट में भी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षण होगा।