देवरिया हत्याकांड: अखिलेश ने पीड़ितों के घर जाकर व्यक्त की संवेदना, सरकार से की मदद की मांग

राष्ट्रीय
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देवरिया,16 अक्टूबर (ए)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने देवरिया जिले के रुद्रपुर क्षेत्र स्थित फतेहपुर में पिछली दो अक्टूबर को हुई छह लोगों की हत्या के सिलसिले में सोमवार को पीड़ित परिवारों के घर जाकर शोक संवेदना व्यक्त की और कहा कि दोनों ही वारदात गलत हैं एवं सरकार को न्याय में संतुलन बनाते हुए दोनों ही परिवारों की मदद करनी चाहिये। हालांकि इस हत्याकांड में एक पीड़ित पक्ष ने अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया। मृतक सत्य प्रकाश दुबे के बेटे देवेश गर्ग ने जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को लिखे पत्र में कहा कि यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में ही 2014 में उसके मंदबुद्धि चाचा से 10 बीघा जमीन का फर्जी बैनामा करा लिया गया और जमीन को विवादित बनाकर उस पर उसके पिता को घर नहीं बनाने दिया गया। अखिलेश यादव ने फतेहपुर पहुंचकर प्रेमचंद यादव की पत्नी और बच्चों से मुलाकात की तथा उनके प्रति संवेदना प्रकट करते हुए उनकी हर सम्भव मदद का भरोसा दिलाया।

बाद में संवाददाताओं से बातचीत में यादव ने कहा, मैं जिलाधिकारी के बयान को मानता हूं। उन्होंने जो बात कही कि बदले की कार्रवाई में वह घटना (सत्य प्रकाश और उसके परिवार के चार अन्य सदस्यों की हत्या) हुई। उस समय किसके मन में क्या था, किस वजह से अंधकार छा गया। उस घटना की वजह से दूसरी घटना हुई। दोनों ही घटना गलत थी। अगर प्रेम यादव की जान न गयी होती तो (दूसरे पक्ष के) मासूमों की भी जान न गयी होती। उन्होंने इस मुद्दे पर सरकार को घेरते हुए कहा, आखिरकार सरकार इस बात को क्यों छुपाना चाहती है कि प्रेम यादव को बुलाकर मारा गया। सपा अध्यक्ष ने हाल में सुलतानपुर में हुई एक डॉक्टर की हत्या का जिक्र करते हुए कहा, यही नहीं, आप बताइये कि सुलतानपुर में क्या एक ब्राह्मण डॉक्टर को ड्रिल मशीन से छेद करके नहीं मारा गया। क्या उनके परिवार को बच्चों को आपने (सरकार के प्रतिनिधि) गले लगाया?

प्रेमचंद यादव के घर पर बुलडोजर चलाने की जिला प्रशासन की कथित तैयारियों के बारे में पूछे जाने पर सपा अध्यक्ष ने कहा, बुलडोजर के पास दिमाग नहीं होता है। अगर बुलडोजर ही न्याय देने लगा तो अगली सरकार में भी यही होगा। उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से देवरिया कांड के दोनों पीड़ित परिवारों के साथ न्याय का आह्वान करते हुए कहा, मैं सोचता हूं कि योगी की परितो यही है कि जो दूसरे के दुख को अपना दुख समझे। मुख्यमंत्री जी को किसी के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिये। न्याय में संतुलन होना चाहिये। किसी भी घटना का राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिये। अगर इस सरकार ने पहले ही दिन से न्याय देना शुरू किया होता तो शायद यह घटना नहीं होती। हत्याकांड में मारे गये सत्य प्रकाश दुबे के पुत्र देवेश ने अखिलेश यादव से मिलने से इनकार कर दिया। इस संबंध में उसने आज सुबह जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को एक पत्र भी भेजा था।

हालांकि उस पर उसके हस्ताक्षर नहीं हैं। बहरहाल, अखिलेश यादव दुबे के घर में गए जरूर, लेकिन वहां पर उन्हें कोई व्यक्ति नहीं मिला। घर पर मृतकों की तस्वीर रखी हुई थी जिस पर उन्होंने श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक को लिखे गए पत्र में कथित रूप से देवेश ने कहा है कि अखिलेश यादव से मिलने से उसकी जानमाल को खतरा है। उसका कहना है कि अखिलेश यादव सरकार के शासनकाल में ही2014 में उसके मंदबुद्धि चाचा से बिना धन दिए 10 बीघा जमीन का फर्जी बैनामा करा लिया गया था और पूरी जमीन को विवादित बनाकर भू माफिया प्रेम यादव ने बाहुबल पर वहां खेती की और उसके पिता को अपनी ही जमीन पर घर नहीं बनाने दिया। पत्र में कहा गया कि अखिलेश यादव सरकार के शासनकाल में ही प्रेमचंद यादव और उसके परिवार के नाम से राइफल का लाइसेंस जारी हुआ था जिससे पूरे दुबे परिवार की हत्या की गई है।

अखिलेश यादव के आने से उनकी बिरादरी का हौसला बढ़ा है और उसके लोग जगह-जगह जुट रहे हैं, जिससे वह (देवेश) असहज महसूस कर रहा है और उसे आशंका भी है कि कहीं उसकी भी हत्या ना हो जाए। देवेश के मुलाकात से इनकार करने के बारे में पूछे जाने पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, मुझे पता चला कि वह परिवार नहीं मिलना चाहता है। यह उसकी भावना है। हो सकता है कि उसके बेटे की भावना यह न हो। कुछ ऐसे नेता होंगे, जो उसको समझा रहे होंगे कि तुम (अखिलेश यादव से) मत मिलना। उनको नीचा दिखा दो। सवाल यह नहीं है। हम किसी के भी दुख में शामिल होने आये हैं। उन्होंने कहा, मैं इस परिवार (प्रेम चंद यादव) की आर्थिक सहायता करूंगा। अगर वह परिवार (दुबे परिवार) भी कहेगा तो हम उसकी भी मदद करेंगे। मालूम हो कि पिछली दो अक्टूबर की सुबह देवरिया जिले के रुद्रपुर स्थित फतेहपुर गांव के लेहड़ा टोले में कथित तौर पर जमीन के विवाद को लेकर पूर्व जिला पंचायत सदस्य प्रेमचंद यादव की धारदार हथियार से हत्या कर दी गयी थी। उसके बाद यादव के समर्थकों ने दूसरे पक्ष के सत्य प्रकाश दुबे, उसकी पत्नी और तीन बच्चों की हत्या कर दी थी।