ठाणे, चार नवंबर (ए) महाराष्ट्र में ठाणे पुलिस ने सरकारी अधिकारी को बदनाम करके उससे जबरन वसूली करने के प्रयास और फर्जी विरोध प्रदर्शन के आरोप में दो पत्रकारों तथा एक “आरटीआई कार्यकर्ता” को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शनिवार को यह जानकारी दी।.
पुलिस ने कहा कि आरोपियों की पहचान ठाणे जिले के अंबरनाथ से प्रकाशित होने वाले साप्ताहिक ‘नवस्फूर्ति’ के पत्रकार संतोष भीकन हिरे (44), ‘लोक राजकरण’ के संपादक शमशाद सज्जाद खान पठान (48) और आरटीआई के तहत सूचना मांगने वाले नासिक के निवासी सुभाष नाथू पाटिल (40) के रूप में हुई है।.पुलिस उपायुक्त (अपराध) शिवराज पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि तीनों को उप-रजिस्ट्रार की शिकायत पर गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने कहा कि आरोपियों ने सरकारी अधिकारी से कहा कि वे खबर छापेंगे कि उसके कार्यालय में भ्रष्ट आचरण किया जा रहा है और अगर उसने दो लाख रुपये का भुगतान नहीं किया तो वे उसकी बर्खास्तगी की मांग करेंगे।
डीसीपी ने कहा कि जब उप-रजिस्ट्रार ने मांग को नजरअंदाज कर दिया, तो उन्होंने मानहानिकारक खबरें छाप दीं और अनशन किया।
अधिकारी ने कहा कि इसके बाद अधिकारी ने ठाणे पुलिस के जबरन वसूली रोधी प्रकोष्ठ (एईसी) में शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद एईसी ने जाल बिछाया और बृहस्पतिवार को हिरे और पठान को पीड़ित से 1.5 लाख रुपये लेते समय गिरफ्तार कर लिया।
एईसी के वरिष्ठ निरीक्षक शेखर बागड़े ने कहा कि तीनों को सात नवंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
अधिकारी ने कहा कि आरोपियों ने इसी तरीके से मुंबई, ठाणे, नवी मुंबई और नासिक में कई सरकारी अधिकारियों से पैसे लिए थे।