उन्नाव/हरदोई (उप्र): छह मई (ए) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समाजवादी पार्टी (सपा) और कांग्रेस पर निशाना साधते हुए सोमवार को कहा कि इन दोनों ही पार्टियों का इतिहास प्रभु राम का विरोध करने का रहा है।
मुख्यमंत्री ने उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) उम्मीदवार साक्षी महाराज के पक्ष में आयोजित एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘कांग्रेस और सपा का इतिहास प्रभु राम का विरोध करने वाला रहा है। कांग्रेस कहती थी कि प्रभु राम हुए ही नहीं जबकि सपा कहती थी कि अयोध्या में एक भी परिंदा पर नहीं मार सकता है। यह इनका दोहरा चरित्र है। ऐसे में आप सभी को इन पर कभी विश्वास नहीं करना है।’’आदित्यनाथ ने आरोप लगाते हुए कहा, ‘‘सपा अपने शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस ले रही थी। इन लोगों ने अयोध्या, रामपुर में सीआरपीएफ कैंप, काशी में संकटमोचन मंदिर, लखनऊ, अयोध्या और वाराणसी की कचहरी पर हमला करने वाले आतंकियों के मुकदमों को वापस लेने का प्रयास किया था।’उन्होंने कहा, ‘‘इस पर न्यायालय ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा था कि आज आप इनके मुकदमे वापस लेने की बात कह रहे हैं और कल इन्हें पद्म पुरस्कार से नवाजेंगे। इसके बाद न्यायालय ने समाजवादी पार्टी को रोका था। सरकार का यह कृत्य खतरनाक व निंदनीय है।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि अयोध्या में जहां एक ओर रामलला विराजमान हो गए हैं, वहीं दूसरी ओर बड़े-बड़े माफिया की ‘राम नाम सत्य की यात्रा’ निकल रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इंक्लूसिव अलायंस (इंडिया) के घोषणापत्र में अल्पसंख्यकों को खाने-पीने की पूरी स्वतंत्रता देने की बात कही गयी है। यह जनता को नहीं बता रहे हैं कि ऐसा कौन सा खानपान है जो बहुसंख्यक समाज नापसंद करता है।’’
आदित्यनाथ ने कहा, ‘‘दरअसल, बहुसंख्यक समाज गो माता की पूजा करता है और वह गोकशी को बर्दाश्त नहीं कर सकता है। वहीं अल्पसंख्यक समाज गोमांस पंसद करता है। ऐसे में हम किसी की रुचि के अनुसार खान-पान की स्वतंत्रता कतई नहीं देंगे। इसके लिये चाहे हमें कोई भी कीमत चुकानी पड़े।’’
उन्होंने कहा, ‘‘आतंकवादियों के समर्थकों और राम का अपमान करने वालों को वोट नहीं देना है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कश्मीर में अनुच्छेद 370 समाप्त करके दुनिया को बता दिया कि देश में सशक्त और दृढ़ इच्छा रखने वाली सरकार है।’’
योगी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस और ‘इंडिया’ के लोग देशवासियों को न सम्मान दिला सकते हैं और न ही सुरक्षा दे सकते हैं।