महाराष्ट्र में भाजपा और सहयोगी दलों को 17 सीट, विपक्षी गठबंधन की 30 पर जीत

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मुंबई: पांच जून (ए) महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और उसके सहयोगी दलों को 17 सीट मिली हैं, जबकि कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहब ठाकरे) और राकांपा (शरदचंद्र पवार) के विपक्षी महा विकास आघाडी को 48 में से 30 सीट पर जीत मिली है। राज्य में भाजपा के सांसदों की संख्या लोकसभा चुनाव 2019 की तुलना में आधी से भी कम रह गई है।

भाजपा के नेतृत्व वाला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) महाराष्ट्र में 45 से अधिक सीट जीतने के अपने लक्ष्य से काफी पीछे रह गया और उसे सिर्फ 17 सीट मिलीं।

राज्य में भाजपा को नौ सीट मिली हैं, जो 2019 के लोकसभा चुनाव में राज्य में जीती गई 23 सीट से बहुत कम हैं. उसकी सहयोगी शिवसेना को सात सीट पर जीत मिली है. एक अन्य सहयोगी अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को एक सीट मिली है.

अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार को शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले से बारामती में हार का सामना करना पड़ा. राज्य में कांग्रेस को 13 सीट पर जीत मिली है, जो 2019 में राज्य में पार्टी द्वारा जीती गई एकमात्र सीट से काफी अधिक हैं, जबकि शिवसेना (यूबीटी) को नौ और राकांपा (शरदचंद्र पवार) को आठ सीट पर जीत मिली है. कांग्रेस में रहे विशाल पाटिल ने निर्दलीय चुनाव लड़ा और सांगली सीट पर उन्हें जीत मिली. महाराष्ट्र में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को 23 सीट मिली थीं, जबकि उसकी तत्कालीन सहयोगी शिवसेना (अविभाजित) को 18 सीट पर जीत मिली थी. तत्कालीन अविभाजित राकांपा ने चार निर्वाचन क्षेत्र पर विजय प्राप्त की थी, जबकि कांग्रेस सिर्फ एक सीट जीत सकी थी. भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने इस बार महाराष्ट्र में 45 से अधिक निर्वाचन क्षेत्रों को जीतने का लक्ष्य रखा था.शिवसेना (यूबीटी) के अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कहा कि गठबंधन के लिए प्रधानमंत्री पद का चेहरा तय करने के लिए ‘इंडिया’ गठबंधन बुधवार को बैठक करेगा. ठाकरे ने कहा कि आम आदमी ने अपनी ताकत दिखाई है. उन्होंने कहा कि विपक्ष को केंद्र में सरकार बनाने का दावा पेश करने की जरूरत है. महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि राज्य में राजग के ऐसे प्रदर्शन का कारण विपक्ष का यह दुष्प्रचार है कि भाजपा चुनावों के बाद संविधान बदल देगी. फडणवीस ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, “लेकिन चुनावों में लोगों के जनादेश को उसी रूप में स्वीकार करना होगा. हम गहन आत्मनिरीक्षण करेंगे और अगले विधानसभा चुनाव में अपने नुकसान की भरपाई करेंगे.”