टैटू के कारण अस्वीकार किए गए अभ्यर्थी को दिल्ली पुलिस में शामिल करने का आदेश

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 18 अगस्त (ए) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस में कांस्टेबल पद के लिए आवेदन करने वाले उस अभ्यर्थी को राहत प्रदान की है जिसके अभ्यर्थन को दाहिने हाथ पर “धुंधले टैटू” के कारण निरस्त कर दिया गया था। अदालत ने अधिकारियों को आदेश दिया कि वे उसे पुलिस बल में शामिल होने की अनुमति दें।

उच्च न्यायालय ने कहा कि अभ्यर्थी ने टैटू हटाने के लिए पहले ही सर्जरी करा ली है। उच्च न्यायालय ने उसे अदालत के समक्ष पेश होकर अपने दाहिने हाथ की बांह दिखाने को कहा।
न्यायमूर्ति सुरेश कुमार कैत और न्यायमूर्ति गिरीश कठपालिया ने 24 जुलाई को पारित आदेश में कहा, “ हमने प्रतिवादी (उम्मीदवार) के दाहिने हाथ को देखा है और खुली आंखों से टैटू दिखाई भी नहीं देता। इसे याचिकाकर्ताओं (अधिकारियों) के वकील और वकील की सहायता के लिए अदालत में मौजूद अधिकारियों को भी दिखाया गया है।”

पीठ ने कहा, “ हमारे अनुसार, प्रतिभागी के बांह पर कोई स्पष्ट टैटू नहीं है। हालांकि, टैटू के स्थान पर बहुत हल्का निशान दिखाई देता है। कभी-कभी इस प्रकार के निशान प्राकृतिक होते हैं और इसलिए उम्मीदवारों के अभ्यर्थन को इस आधार पर अस्वीकार नहीं किया जा सकता है।”

उच्च न्यायालय ने कर्मचारी चयन आयोग की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें केंद्रीय प्रशासनिक न्यायाधिकरण (कैट) के आदेश को चुनौती दी गई थी। कैट ने अपने आदेश में अभ्यर्थी को राहत दी थी।

पीठ ने कहा,“याचिकाकर्ताओं का यह भी मामला नहीं है कि सभी रिक्तियां पहले ही भरी जा चुकी हैं, क्योंकि दूसरे बैच का बुनियादी प्रशिक्षण एक जुलाई 2024 से शुरू हो चुका है। याचिकाकर्ताओं को निर्देश दिया जाता है कि वे प्रतिवादी को इस आदेश की प्राप्ति से एक सप्ताह के भीतर प्रशिक्षण के लिए दूसरे बैच में शामिल होने की अनुमति दें।”