लखनऊ: 13 दिसंबर (ए) लखनऊ की एक स्थानीय अदालत ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को क्रांतिकारी विनायक दामोदर सावरकर का कथित अपमान करने के मामले में 10 जनवरी 2025 को तलब किया है।
कांग्रेस सांसद पर आरोप है कि उन्होंने स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर के बारे में शरारतपूर्ण बयान देकर लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और सद्भाव को बिगाड़ने का काम किया है और इसके लिए उन पर मुकदमा चलाया जाएगा।अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एसीजेएम) आलोक वर्मा ने स्थानीय वकील नृपेन्द्र पांडेय की ओर से दायर आपराधिक शिकायत पर यह आदेश पारित किया।अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (तृतीय) आलोक वर्मा की अदालत ने बृहस्पतिवार को आदेश जारी करते हुए राहुल गांधी को बतौर अभियुक्त तलब करते हुए आगामी 10 जनवरी को पेश होने का आदेश दिया है।
पांडेय ने अपनी शिकायत में कहा है कि राहुल गांधी 17 दिसंबर 2022 को अपनी ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान महाराष्ट्र में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने समाज में ‘वैमनस्य’ और ‘द्वेष’ फैलाने की मंशा से राष्ट्रवादी विचारधारा के ‘महानायक’ विनायक दामोदर सावरकर को अंग्रेजों से पेंशन लेने वाला ‘नौकर’ बताया।
शिकायत में यह भी आरोप लगाया गया है कि सावरकर को अपमानित करने के मकसद से संवाददाता सम्मेलन में पहले से ही छपे पर्चे तमाम संवाददाताओं को वितरित किए गए जो इस बात का प्रमाण है कि सावरकर के खिलाफ योजनाबद्ध तरीके से पहले से ही पर्चे छपवाए गए।
राहुल पर सावरकर के विरुद्ध अनर्गल दोषारोपण करने का आरोप है, जिन्हें समाचार पत्रों ने भी प्रमुखता से प्रकाशित किया।
अदालत द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि शिकायतकर्ता ने जून 2023 में राहुल गांधी के खिलाफ इस मामले में एक शिकायत दायर की थी जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था। इसके विरुद्ध निगरानी न्यायालय में अर्जी दाखिल की गई जिसने इसी साल तीन अक्टूबर को शिकायत को पोषणीय माना।
आदेश में कहा गया है कि न्यायालय का मत है कि राहुल गांधी ने अपने कृत्य से समाज में घृणा, द्वेष और वैमनस्य फैलने का काम किया है जो भारतीय दंड संहिता(आईपीसी) की धारा 153-ए (किसी धर्म जाति वंश जन्म स्थान निवास या भाषा के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता फैलाना) और 505 (अफवाह फैलाना) के तहत अपराध की श्रेणी में आता है, लिहाजा राहुल को तलब किए जाने के पर्याप्त आधार हैं।