सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और वक्फ विधेयक पर तेज गति से कदम बढ़ाया: राष्ट्रपति मुर्मू

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नयी दिल्ली: 31 जनवरी (ए) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शुक्रवार को सरकार की उपलब्धियों का उल्लेख किया और कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और वक्फ (संशोधन) विधेयक जैसे कानूनों पर तेज गति से कदम आगे बढ़ाया है।

उन्होंने संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए यह भी कहा कि भारत की विकास यात्रा के इस अमृतकाल को सरकार अभूतपूर्व उपलब्धियों के माध्यम से नई ऊर्जा दे रही है।राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘एक राष्ट्र, एक चुनाव और वक्फ संशोधन विधेयक जैसे कई महत्वपूर्ण विषयों पर तेज गति से कदम आगे बढ़ाया गया है।” उल्लेखनीय है कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से संबंधित दो विधेयकों पर इन दिनों संसद की एक संयुक्त समिति विचार कर रही है वहीं वक्फ संशोधन विधेयक से संबंधित संयुक्त संसदीय समिति ने अपनी रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंप दी है।

राष्ट्रपति ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 70 वर्ष और उससे अधिक उम्र के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा देने का फैसला हुआ है। उन्होंने इस बात का उल्लेख भी किया कि जनजातीय समाज के पांच करोड़ लोगों के लिए “धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष” अभियान प्रारंभ हुआ है।

उनके मुताबिक, सरकार के प्रयासों के कारण देश के 25 करोड़ लोग गरीबी रेखा से बाहर निकले हैं। उन्होंने कहा, ‘‘सरकार ने युवाओं की शिक्षा और उनके लिए रोज़गार के नए अवसर तैयार करने पर विशेष फोकस किया है।” राष्ट्रपति ने आठवें वेतन आयोग के गठन का उल्लेख करते हुए कहा कि यह केंद्र सरकार के कर्मचारियों के वेतन में बड़ी वृद्धि का आधार बनेगा।

इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि संसद का बजट सत्र देशवासियों में एक नया विश्वास पैदा करेगा और उन्हें नई ऊर्जा देगा। साथ ही उन्होंने यह प्रार्थना भी की कि आगामी आम बजट के मद्देनजर देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्ग पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।

संसद के बजट सत्र के पहले दिन मीडिया को संबोधित कर रहे प्रधानमंत्री ने यह कहते हुए विपक्ष पर भी निशाना साधा कि उनके सत्ता संभालने के बाद संभवत: यह पहला संसद सत्र है जब विदेश से किसी प्रकार की कोई चिंगारी लगाने की कोशिश नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मेरे तीसरे कार्यकाल का यह पहला पूर्ण बजट है। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि 2047 में जब आजादी के 100 साल होंगे, तब तक विकसित भारत का जो संकल्प देश ने लिया है, यह बजट सत्र और यह बजट उसमें एक नया विश्वास पैदा करेगा और नई ऊर्जा देगा।”

उन्होंने कहा, ‘‘मैं आशा करता हूं कि हम देश की आशा-आकांक्षाओं के इस बजट सत्र में खरे उतरेंगे।” नवोन्मेष, समावेशिता और निवेश को देश की आर्थिक गतिविधि के रोडमैप का आधार करार देते हुए मोदी ने कहा कि इस सत्र में हमेशा की तरह कई ऐतिहासिक विधेयकों पर चर्चा होगी और व्यापक मंथन के साथ वे राष्ट्र की ताकत बढ़ाने वाले कानून बनेंगे।

मीडिया से मुखातिब प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन की शुरुआत समृद्धि की देवी मां लक्ष्मी को प्रणाम करके की और बजट सत्र का उल्लेख करते हुए कहा कि ऐसे अवसर पर सदियों से हमारे यहां मां लक्ष्मी का पुण्य स्मरण किया जाता है।उन्होंने कहा, ‘‘मां लक्ष्मी हमें सिद्धि और विवेक देती हैं। समृद्धि और कल्याण भी देती हैं। मैं प्रार्थना करता हूं कि देश के हर गरीब एवं मध्यम वर्गीय समुदाय पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा रहे।”

विपक्ष पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 से लेकर अब तक शायद यह पहला, संसद का सत्र है, जिसके एक दो दिन पहले कोई विदेशी चिंगारी नहीं भड़की है, विदेश से आग लगाने की कोशिश नहीं हुई है।

उन्होंने कहा, ‘‘मैं 2014 से देख रहा हूं कि हर सत्र से पहले शरारत करने के लिए लोग तैयार बैठते थे और यहां उन्हें हवा देने वालों की कोई कमी नहीं है। 10 साल बाद यह पहला सत्र मैं देख रहा हूं, जिसमें किसी भी विदेशी कोने से कोई चिंगारी नहीं भड़काई गई।”