मधुबनी/पटना: तीन फरवरी (ए) बिहार के मधुबनी जिले में हिरासत में लिए गए एक इमाम की पिटाई के आरोप में पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
मधुबनी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) योगेंद्र कुमार ने बताया कि जिन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है, उनमें बेनीपट्टी थाने का एक सहायक पुलिस निरीक्षक, एक हवलदार, एक कांस्टेबल और दो चौकीदार शामिल हैं।कुमार ने कहा, “शिकायतकर्ता मोहम्मद फिरोज ने आरोप लगाया था कि 29 जनवरी को पुलिस ने उसकी पिटाई की थी। जांच में पता चला है कि इमाम से मोटरसाइकिल के कागजात दिखाने के लिए कहा गया था, लेकिन उन्होंने भगाने की कोशिश की, जिसके बाद उन्हें थाने ले जाया गया, लेकिन उनकी पिटाई नहीं की गई।”उन्होंने कहा, “बहरहाल, पुलिसकर्मियों की ओर से लापरवाही पाई गई है, जिसके कारण उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की गई है।”
कुमार के मुताबिक, फिरोज को उसके दोपहिया वाहन के फिसलने के कारण मामूली चोटें आई थीं।उन्होंने कहा, “फिरोज को पकड़ते समय पुलिसकर्मियों के बल प्रयोग किए जाने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता। इसके अलावा, संबंधित पुलिसकर्मियों ने उनकी मेडिकल जांच भी नहीं कराई, जैसा कि ऐसी परिस्थितियों में अनिवार्य है। उनके परिवार के सदस्यों को बहुत देरी से सूचना दी गई। इसलिए, इन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है।”
कुमार ने बताया कि भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के जिस प्रशिक्षु अधिकारी को बेनीपट्टी थाने का प्रभार दिया गया था, उन्हें स्थानांतरित कर दिया गया है।
फिरोज को उनके परिवार के सदस्यों के कागजात लेकर थाने पहुंचने के बाद छोड़ दिया गया था। उन्होंने पत्रकारों को अपनी आपबीती सुनाई, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हुआ है।
वीडियो में फिरोज को रोते हुए और पुलिसकर्मियों पर उनकी बर्बर पिटाई करने का आरोप लगाते हुए देखा जा सकता है। इसमें वह यह कहते नजर आ रहे हैं, “पुलिसकर्मियों ने मेरे बाल और दाढ़ी खींची। उन्होंने मेरे गाल पर कई थप्पड़ मारे। एक छड़ी से इतनी बुरी तरह से मुझे पीटा कि वह टूट गई।”
वीडियो में फिरोज को यह कहते सुना जा सकता है, “पुलिसकर्मियों ने मुझसे पूछा कि क्या मैं चोर हूं और जब मैंने कहा कि नहीं सर, मैं स्थानीय मस्जिद में सेवा देता हूं, तो उन्होंने अपशब्दों का इस्तेमाल करते हुए कहा कि तुम्हारी सब मौलवीगिरी निकाल देंगे। 25,000 रुपये दिए बिना मुझे नहीं छोड़ा गया। मुझे डर लग रहा है। मुझे आश्चर्य है कि मैं किस तरह के देश में रह रहा हूं।”
हालांकि, एसपी ने दावा किया कि फिरोज को “पीआर बॉन्ड (व्यक्तिगत पहचान बॉन्ड) पर रिहा किया गया।”
इस बीच, पटना में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता तेजस्वी यादव ने आरोप लगाया कि यह घटना “नीतीश कुमार नीत राज्य सरकार की मुस्लिमों के प्रति नफरत को दर्शाती है, जिसमें भाजपा भी शामिल है।”
पूर्व उपमुख्यमंत्री ने आरोप लगाया, “मुख्यमंत्री होश में नहीं हैं। उस क्षेत्र की कई लोकसभा और विधानसभा सीटें उनकी पार्टी जद(यू) के पास हैं, लेकिन सांसद और विधायक भाजपा के कैडर की तरह हो गए हैं।”
तेजस्वी ने कहा, “मैं अल्पसंख्यक भाइयों के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त करने के लिए बेनीपट्टी जा रहा हूं। मुझे पुलिस को आगाह करना है कि अगर उन्हें लगता है कि वे मुसलमानों के प्रति घृणा का खुला प्रदर्शन करके बच निकलेंगे, तो हम जानते हैं कि इससे कैसे निपटना है।”