नयी दिल्ली: तीन फरवरी (ए) उत्तर प्रदेश सरकार ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को सूचित किया कि उसने राज्य के जिला अदालत परिसरों में नये सीसीटीवी कैमरे लगाने के लिए करीब 82 करोड़ रुपये जारी किये हैं।
उत्तर प्रदेश सरकार ने यह जानकारी न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के विनोद चंद्रन की पीठ के समक्ष प्रस्तुत की, जो ‘‘गौतमबुद्ध नगर के जिला अदालत परिसर में सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के दो सदस्यों से हाथापाई” को लेकर स्वत: संज्ञान लिए गए एक मामले की सुनवाई कर रही थी।वकील ने कहा, ‘‘राज्य ने नये सीसीटीवी लगाने के लिए करीब 82 करोड़ रुपये जारी किए गए हैं।’’
उच्चतम न्यायालय ने जनपद दीवानी और फौजदारी बार एसोसिएशन, गौतमबुद्ध नगर, उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष और सचिव को नया नोटिस जारी किया।
पीठ ने यह आदेश तब पारित किया] जब बार एसोसिएशन के पदाधिकारियों की ओर से पेश वकील ने कहा कि उन्हें “वकालतनामा” वापस लेने के निर्देश मिले हैं।
शीर्ष अदालत ने कहा कि यदि बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और सचिव 17 फरवरी को उसके समक्ष पेश होने में विफल रहे, तो पीठ इस मुद्दे पर विचार करेगी और उचित आदेश पारित करेगी।
पिछले साल एक अप्रैल को मामले की सुनवाई करते हुए, शीर्ष अदालत ने सरकार से जवाब मांगा था, क्योंकि उसने गौतमबुद्ध नगर के जिला न्यायाधीश की एक रिपोर्ट पर गौर किया था कि रखरखाव के कोष की कमी के कारण अदालत परिसर में सीसीटीवी कैमरे खराब पड़े हैं।
शीर्ष अदालत ने 21 मार्च, 2024 को गौतमबुद्ध नगर जिला अदालत में वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव भाटिया के साथ कथित हाथापाई का संज्ञान लिया था। शीर्ष अदालत ने कहा कि उसने इस घटना और इस तथ्य को लेकर गंभीर रुख अपनाया है कि जिम्मेदार व्यक्तियों की अब तक पहचान नहीं की गई है।