नयी दिल्ली: 19 फरवरी (ए) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने विभागीय परीक्षा में अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए रिश्वत लेने के आरोप में वडोदरा डिवीजन में तैनात भारतीय रेलवे कार्मिक सेवा (आईआरपीएस) के दो अधिकारियों सहित पांच रेलवे अधिकारियों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने बुधवार को यह जानकारी दी।
सीबीआई के एक प्रवक्ता ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने गुजरात के वडोदरा सहित 11 स्थानों पर छापेमारी के दौरान 650 ग्राम सोना और पांच लाख रुपये नकदी जब्त की। अधिकारियों के मुताबिक, सीबीआई ने वडोदरा में वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी के रूप में तैनात 2008 बैच के आईआरपीएस अधिकारी सुनील बिश्नोई, मंडल कार्मिक अधिकारी के रूप में तैनात 2018 बैच के आईआरपीएस अधिकारी अंकुश वासन, मुंबई के चर्चगेट में तैनात उप मुख्य वाणिज्यिक प्रबंधक संजय कुमार तिवारी और अहमदाबाद के मंडल रेलवे अस्पताल में तैनात उप स्टेशन अधीक्षक नीरज सिन्हा व नर्सिंग अधीक्षक दिनेश कुमार को गिरफ्तार किया है।
उन्होंने बताया कि जांच एजेंसी ने मामले के सिलसिले में मुकेश मीणा नाम के एक व्यक्ति को भी गिरफ्तार किया है।
सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा कि जांच एजेंसी मंगलवार को वासन, तिवारी, सिन्हा और मीणा के खिलाफ एक निजी व्यक्ति के साथ साजिश करके रेलवे की विभागीय परीक्षा में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों को लाभ पहुंचाने के नाम पर रिश्वत लेने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज करने के बाद हरकत में आ गई।
सीबीआई का आरोप है कि वासन ने तिवारी को उक्त परीक्षा में चयन के लिए रिश्वत देने को तैयार कम से कम 10 उम्मीदवारों की सूची बनाने का निर्देश दिया था। जांच एजेंसी ने दावा किया कि तिवारी ने ऐसे उम्मीदवारों का पता लगाने के लिए सिन्हा और मीणा से संपर्क किया और उनसे रिश्वत ली।
प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि तिवारी ने बिना किसी बिल के नकदी के बदले लगभग 400 ग्राम सोना खरीदने के लिए वडोदरा के एक जौहरी से संपर्क किया था और वह आणंद गया था, जहां उसकी मुलाकात मीणा से हुई और उसने उससे नकदी ली।
सीबीआई प्रवक्ता ने कहा, “जांच के दौरान यह भी पता चला है कि पश्चिमी रेलवे में तैनात एक नर्सिंग अधीक्षक भी अपराध में शामिल था और उसके पास 650 ग्राम सोना मिला, जिसे उसने लगभग 57 लाख रुपये (लगभग) का भुगतान करने के बाद जौहरी से प्राप्त किया था और उक्त सोना वडोदरा में तैनात पश्चिमी रेलवे के आरोपी वरिष्ठ मंडल कार्मिक अधिकारी को दिया जाना था।”