रोप-वे की तीन ट्रॉली नियंत्रण से बाहर होने के बाद आधार स्टेशन से टकराईं, कोई हताहत नहीं

राष्ट्रीय
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मथुरा (उप्र): 19 मार्च (ए) उत्तर प्रदेश के मथुरा के बरसाना में राधारानी मंदिर के लिए हाल में शुरू किए गए रोप-वे की तीन ट्रॉली मंदिर से वापसी के समय नियंत्रण से बाहर हो गईं और नियंत्रित गति से नीचे लौटने के बजाए तेज गति से आते हुए धरातल पर बने स्टेशन से टकरा गईं। यह जानकारी अधिकारियों ने बुधवार को दी।

अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि इस घटना में किसी के भी हताहत होने की जानकारी नहीं मिली है, हालांकि इस घटना में कांच के शीशे और ट्रॉली के फ्रेम क्षतिग्रस्त होने से कुछ लोगों को मामूली चोटें आई हैं।गौरतलब है कि बरसाना में श्रद्धालुओं को करीब 200 मीटर ऊंचे ब्रह्मांचल पर्वत पर स्थित राधारानी मंदिर तक जाने और आने की सुविधा मुहैया कराने के लिए रोप-वे का संचालन किया जा रहा है। इस रोप-वे की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले सात मार्च को की थी। वह तब स्वयं इस रोप-वे से मंदिर तक गए थे और उससे वापस आए थे।

घटना मंगलवार अपराह्न करीब 2:30 बजे घटी।

परियोजना के प्रबंधक संजय सिंह ने बताया कि मंगलवार अपराह्न अचानक कुछ पल के लिए रोप-वे की विद्युत आपूर्ति बाधित हो गई और इससे रोप-वे की मोटर बंद हो जाने से ऊपर से वापस लौट रहीं तीन ट्रॉली नियंत्रण से बाहर हो गईं और तेजी से नीचे की ओर आते हुए आधार स्टेशन से टकरा गईं।

उन्होंने बताया कि इससे ट्रॉली के केबिन में लगे कांच टूट गए जिससे उसमें बैठे 18 श्रद्धालु भयभीत होकर चीखने-चिल्लाने लगे। उन्होंने बताया कि मौके पर मौजूद कर्मचारियों ने तुरंत सभी श्रद्धालुओं को बाहर निकाला और उन्हें ढांढस बंधाया। उन्होंने बताया कि अन्य ट्रॉली में सवार लोग जो ऊपर जा रहे थे, उन्हें भी एक-एक करके नीचे उतार लिया गया।

सिंह ने बताया कि फिलहाल रोप-वे का संचालन बंद कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि विद्युत आपूर्ति बंद होने की स्थिति में भी इन ट्रॉली को तेजी से नीचे नहीं आना चाहिए था।

उन्होंने कहा कि कोलकाता से विशेषज्ञों के देर शाम तक यहां पहुंचने की उम्मीद है और उनके द्वारा निरीक्षण के बाद ही अगला निर्णय लिया जाएगा।

उन्होंने बताया कि मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने भी घटनास्थल का निरीक्षण किया है, जिसकी देखरेख में रोप-वे का निर्माण किया गया था। उन्होंने कहा कि प्राधिकरण के अधिकारी भी अपने स्तर से जांच कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारियों की अनुमति के बाद ही संचालन फिर से शुरू किया जाएगा।

गोवर्धन की उपजिलाधिकारी नीलम श्रीवास्तव ने कहा, ‘‘मैंने मथुरा-वृन्दावन विकास प्राधिकारण के सचिव से बात की है। वे मामले को देख रहे हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘मैं यह सुनिश्चित करने के लिए एक औपचारिक अनुरोध भी भेज रही हूं कि भविष्य में ऐसी यांत्रिक खराबी को रोकने के लिए रोप-वे का नियमित निरीक्षण किया जाए।’