13,000 करोड़ रुपये के ऋण ‘‘धोखाधड़ी’’ मामले का आरोपी मेहुल चोकसी बेल्जियम में गिरफ्तार

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली: 14 अप्रैल (ए) पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,000 करोड़ रुपये के ऋण ‘‘धोखाधड़ी’’ मामले में संलिप्तता के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को भारतीय जांच एजेंसियों के प्रत्यर्पण अनुरोध के बाद बेल्जियम में गिरफ्तार कर लिया गया। आधिकारिक सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी।केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के सूत्रों के अनुसार, उनके द्वारा बेल्जियम के अधिकारियों से अनुरोध किया गया था, जिसके बाद उन्होंने अनंतिम गिरफ्तारी की.

सीबीआई के एक सूत्र ने पुष्टि की कि बेल्जियम को एक औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध भी “कुछ महीने पहले” भेजा गया था. सीबीआई सूत्र ने कहा, “बेल्जियम में उसके स्थान की पुष्टि होने के बाद हम पिछले कुछ महीनों से उसकी गिरफ्तारी के लिए दबाव बना रहे थे. आखिरकार, बेल्जियम पुलिस ने ऐसा किया और हमें सूचित किया.”सूत्र ने कहा कि सीबीआई और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) दोनों ने चोकसी की वापसी के लिए विदेश मंत्रालय (एमईए) के माध्यम से बेल्जियम को औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध पहले ही भेज दिया है.

सीबीआई के एक सूत्र ने बताया कि चोकसी अपनी स्वास्थ्य स्थिति का हवाला देते हुए जमानत की अर्जी लगा सकता है, लेकिन फिलहाल वह बेल्जियम पुलिस की हिरासत में है.

सूत्र ने बताया, “चूंकि यह सीबीआई के अनुरोध पर एक प्रोविजनल अरेस्ट है, इसलिए वह अब बेल्जियम में कानूनी विकल्पों का अनुसरण कर सकता है और पूरी प्रक्रिया वहां की अदालत के माध्यम से होगी.” प्रोविजनल अरेस्ट किसी व्यक्ति को औपचारिक प्रत्यर्पण अनुरोध पर कार्रवाई किए जाने से पहले देश छोड़ने से रोकने के लिए अस्थायी हिरासत में लिया जाता है. यह प्रत्यर्पण प्रक्रिया का पहला कदम है.

चोकसी ‘गीतांजलि जेम्स’ के प्रबंध निदेशक हैं और नीरव मोदी के मामा भी हैं. हीरा कारोबारी ने 1985 में अपने पिता चिनुभाई चोकसी से गीतांजलि जेम्स का अधिग्रहण किया था. उन्होंने गिली, नक्षत्र, असमी, डी’डामास, माया, दीया और संगिनी जैसे ब्रांड लॉन्च करके एक विस्तारित उत्पाद-पोर्टफोलियो बनाया.

ईडी के अनुसार, मेहुल चोकसी मामले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत की गई जांच से पता चला है कि उसने 2014 से 2017 के बीच अपने सहयोगियों और पीएनबी के बैंक अधिकारियों के साथ मिलकर धोखाधड़ी से लेटर ऑफ अंडरटेकिंग (एलओयू) और विदेशी साख पत्र प्राप्त किए, जिसके परिणामस्वरूप बैंक को 6,097.63 करोड़ रुपये का गलत नुकसान हुआ.ईडी ने कहा कि उसने आईसीआईसीआई बैंक से भी कर्ज लिया था और उस कर्ज को भी चुकाया नहीं. सीबीआई की 22 पन्नों की एफआईआर में उन सभी 143 एलओयू (लेटर ऑफ अंडरटेकिंग) की जानकारी दी गई है, जो पीएनबी ने सिर्फ तीन महीनों में विदेशी बैंकों की शाखाओं को जारी किए थे.

एफआईआर में 16 आरोपियों और कंपनियों के नाम हैं, जिनमें पीएनबी के अनाम अधिकारी भी शामिल हैं, जिन्होंने कथित तौर पर कंपनियों को एलओयू जारी करने में मदद की. सीबीआई को संदेह है कि बैंक में उच्च अधिकारियों की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं हो सकता था. 2021 में, भारतीय अधिकारियों की एक टीम कथित तौर पर चोकसी को वापस लाने के लिए एक निजी जेट पर डोमिनिका गई थी, लेकिन खाली हाथ लौटी.

चोकसी के वकील वेन मार्श ने दावा किया था कि कुछ लोगों ने उसे अगवा कर लिया था, जो “एंटीगुआ पुलिस के साथ भारतीयों जैसे दिखते थे.” इससे यह अंदेशा हुआ कि यह असल में चोकसी को एंटीगुआ से बाहर लाने के लिए भारतीय एजेंसियों की तरफ से की गई एक कार्रवाई थी, जो नाकाम रही.