युवतियों को बंधक बनाकर रखने वाले रैकेट से जुड़ा व्यक्ति गिरफ्तार

बिहार मुजफ्फरपुर
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मुजफ्फरपुर: 18 जून (ए) बिहार के मुजफ्फरपुर जिले में कई युवतियों को महीनों तक बंधक बनाकर रखने और नौकरी दिलाने के बहाने उनका यौन शोषण करने वाले रैकेट में संलिप्तता के आरोप में मंगलवार को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया। पुलिस ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की पहचान तिलक कुमार के रूप में हुई है और उसे मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार किया है।

अधिकारियों ने बताया कि आरोपी की पहचान तिलक कुमार के रूप में हुई है और उसे मामले की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने गिरफ्तार किया है।

उन्होंने बताया कि पुलिस उपाधीक्षक विनीता सिन्हा के नेतृत्व में एसआईटी कुल नौ लोगों की तलाश कर रही है, जिनके खिलाफ अदालत के निर्देश पर मामला दर्ज किया गया है।

मुजफ्फरपुर के पुलिस अधीक्षक (एसपी-सिटी) अवधेश दीक्षित ने कहा, ‘‘तिलक कुमार को एसआईटी ने गोरखपुर से गिरफ्तार किया। पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि कुमार ने पहली बार जून 2022 में सोशल मीडिया पर उससे संपर्क किया और उसे अच्छी नौकरी पाने के लिए मुजफ्फरपुर आने को कहा। उसने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी कई महीनों तक एक कमरे में उसके साथ मारपीट करता रहा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पीड़िता के सभी आरोपों की जांच की जा रही है और हम आरोपी का बयान दर्ज कर रहे हैं।’’

दीक्षित ने बताया कि अपनी शिकायत में युवती ने आरोप लगाया है कि उसे और अन्य पीड़िताओं को कॉल सेंटर में नौकरी दिलाने का वादा किया गया था, लेकिन यहां आने के बाद उन्हें एक कमरे में बंद कर दिया गया, उनके साथ मारपीट की गई और उनका यौन शोषण किया गया।

पुलिस ने बताया कि आरोपी व्यक्ति एक फर्जी मार्केटिंग कंपनी से जुड़े हुए थे।

दीक्षित ने कहा, ‘‘आठ फरार आरोपियों की हम तलाश कर रहे हैं। हमने शिकायतकर्ता के साथ-साथ कई अन्य पीड़िताओं के बयान दर्ज किए हैं। शिकायतकर्ता ने दावा किया है कि आरोपी युवतियों को कॉल करके उन्हें फर्जी कंपनी में आकर्षक नौकरी देने का झांसा देते थे। हम जल्द ही सभी आरोपियों को पकड़ लेंगे, जिसमें कंपनी का मालिक मनीष कुमार भी शामिल है।’’

पीड़िता ने पुलिस को बताया कि जब भी वे अपनी तनख्वाह मांगती थीं, तो आरोपी उन्हें कहते थे कि अब वे कंपनी का हिस्सा हैं। आखिरकार, वह भागने में कामयाब रही और प्राथमिकी दर्ज कराने के लिए थाने गई। हालांकि, पुलिस ने शुरू में उसकी शिकायत लेने से इनकार कर दिया, जिसके बाद उसने अदालत का रुख किया।