नई दिल्ली,दो अप्रैल (ए)। उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली आबकारी नीति घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को मंगलवार को जमानत दे दी।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अगर सिंह को मामले में जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
इससे पहले प्रवर्तन निदेशालय ने कहा था कि अगर सिंह को मामले में जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति पी बी वराले की पीठ ने छह महीने से जेल में बंद संजय सिंह को रिहा करने का आदेश दिया।
पीठ ने कहा कि आप नेता अपनी राजनीतिक गतिविधियां जारी रख सकते हैं लेकिन इस मामले के संबंध में कोई बयान नहीं दे सकते।
सिंह की रिहाई ऐसे समय में हो रही है जब आम आदमी पार्टी के सामने 19 अप्रैल से शुरू होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले नेतृत्व का संकट है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप संयोजक अरविंद केजरीवाल तथा पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया इस मामले के सिलसिले में तिहाड़ जेल में बंद हैं।
पीठ ने कहा कि सिंह पूरे मुकदमे के दौरान जमानत पर बाहर रहेंगे और उनकी जमानत की शर्तें विशेष अदालत तय करेगी।
भोजनावकाश के बाद के सत्र में, ईडी की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल एसवी राजू ने कहा कि उन्होंने जांच एजेंसी से निर्देश ले लिए हैं और अगर सिंह को जमानत दी जाती है तो उसे कोई आपत्ति नहीं है।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं मामले के गुण-दोषों में गए बिना बयान दे रहा हूं।’’
पीठ ने बयान पर संज्ञान लेते हुए आदेश दिया, ‘‘एएसजी एसवी राजू को सुबह के सत्र में निर्देश लेने के लिए कहा गया था। उन्होंने कहा है कि अगर संजय सिंह को प्राथमिकी से जुड़ी कार्यवाही में जमानत पर रिहा किया जाता है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है… दिए गए बयान के मद्देनजर, हम वर्तमान अपील की अनुमति देते हैं और निर्देश देते हैं कि संजय सिंह को नियम और शर्तों पर मुकदमे के लंबित रहने के दौरान जमानत पर रिहा किया जाए।’’
पीठ ने कहा कि सिंह को दी गई जमानत को ‘मिसाल’ के तौर पर नहीं लिया जाएगा।
इसका आशय हुआ कि इस जमानत आदेश से अरविंद केजरीवाल समेत जेल में बंद अन्य आप नेताओं को ज्यादा राहत नहीं मिलने वाली है।
पीठ ने इससे पहले सुबह के सत्र में राजू से इस बारे में निर्देश प्राप्त करने को कहा था कि क्या ईडी को सिंह की और हिरासत की जरूरत है।
शीर्ष अदालत सिंह की जमानत याचिका पर और धनशोधन मामले में गिरफ्तारी और रिमांड को चुनौती देने वाली अपील पर सुनवाई कर रही थी।
पीठ ने राजू से कहा कि उनके पास से कोई राशि नहीं मिली है और दो करोड़ रुपये रिश्वत लेने के आरोपों की जांच सुनवाई के दौरान हो सकती है।
राजू ने कहा कि वह भोजनावकाश के बाद के सत्र में सिंह की गिरफ्तारी और रिमांड के खिलाफ उनकी दलीलों पर जवाब देंगे।
सिंह की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने सुनवाई के दौरान कहा कि सरकारी गवाह बन गए दिनेश अरोड़ा की गवाही के आधार पर आप नेता को गिरफ्तार किया गया था।
सिंह को ईडी ने पिछले साल चार अक्टूबर को गिरफ्तार किया था। उन्होंने उच्च न्यायालय में इस आधार पर जमानत मांगी थी कि वह तीन महीने से अधिक समय से हिरासत में हैं और कथित अपराध में उनकी भूमिका साबित नहीं हुई है।
जांच एजेंसी ने उच्च न्यायालय में जमानत याचिका का विरोध किया था और दावा किया था कि सिंह 2021-22 की आबकारी नीति अवधि से संबंधित दिल्ली शराब घोटाले से अर्जित अपराध की आय को प्राप्त करने, रखने, छिपाने, फैलाने और उपयोग करने में शामिल थे।
ईडी का धनशोधन का मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी से संबंधित है।
सीबीआई और ईडी के अनुसार, दिल्ली आबकारी नीति 2021-22 (अब रद्द की जा चुकी) को बदलते समय अनियमितताएं की गईं और लाइसेंस धारकों को अनुचित लाभ पहुंचाया गया।