नयी दिल्ली: 14 मार्च (ए) हैदराबाद में देह व्यापार चलाने वाले भारत-बांग्लादेश अंतरराष्ट्रीय सीमा के निकट स्थित एजेंटों को बांग्लादेशी लड़कियों की तस्करी पश्चिम बंगाल में कराने के लिए प्रति व्यक्ति 4,000-5,000 रुपये का भुगतान करते थे। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की जांच में इस बात का खुलासा हुआ है।
ईडी द्वारा धन शोधन मामले की जांच तेलंगाना पुलिस की एक प्राथमिकी से शुरू हुई। इसके बाद राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने हैदराबाद शहर के बाहरी इलाके में स्थित दो वेश्यालयों द्वारा चलाए जा रहे देह व्यापार और वेश्यावृत्ति रैकेट के खिलाफ मामला फिर से दर्ज किया है।प्रवर्तन निदेशालय ने बृहस्पतिवार को एक बयान में कहा कि उसने इस जांच के तहत 1.90 लाख रुपये की संपत्ति अस्थायी रूप से कुर्क की है। इसमें ‘पेटीएम वॉलेट्स और बैंक खातों’ में रखे गए धन के साथ-साथ रुहुल अमीन धाली नामक व्यक्ति की अचल संपत्ति भी शामिल है, जो भारत में बांग्लादेशी लड़कियों की अवैध तस्करी में शामिल ‘सबसे प्रमुख’ एजेंटों में से एक है।
ईडी के अनुसार, आरोपी हैदराबाद और उसके आसपास विभिन्न स्थानों पर वेश्यालय चला रहे थे और वे पीड़ित लड़कियों को कमीशन के आधार पर अन्य वेश्यालयों और एजेंटों के पास भी भेजते थे।
ईडी ने कहा कि आरोपियों ने ‘नकली और जाली’ भारतीय पहचान वाले दस्तावेजों का इस्तेमाल किया और अपनी अवैध गतिविधियों के लिए कई बैंक खाते और ऑनलाइन वॉलेट खोले।
ईडी ने कहा, ‘‘बांग्लादेशी लड़कियों और अन्य लोगों की तस्करी के लिए आरोपी पश्चिम बंगाल में भारत-बांग्लादेश सीमा के पास स्थित एजेंटों/बिचौलियों को प्रति व्यक्ति लगभग चार-पांच हजार रुपये का भुगतान करते थे। ’’