नयी दिल्ली: 21 जुलाई (ए) संसद का मानसून सत्र शुरू होने से ठीक एक दिन पहले हुई सर्वदलीय बैठक में रविवार को कांग्रेस ने विपक्ष के लिए लोकसभा उपाध्यक्ष का पद मांगा और प्रतिष्ठित नीट सहित पेपर लीक से जुड़े अन्य मुद्दों को उठाकर स्पष्ट संकेत दिया कि वह इस सत्र को हंगामेदार बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ने वाली है।
इतना ही नहीं सरकार के सहयोगी दलों ने भी विशेष दर्जे का मुद्दा उठाते हुए केंद्र को अपनी प्राथमिकताओं का स्पष्ट संकेत दिया।
सूत्रों ने रविवार को यह जानकारी दी।
संसद का यह सत्र कैसा होगा, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि जब संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू द्वारा दोनों सदनों को सुचारू रूप से चलाने के लिए हर पार्टी से सहयोग मांगा गया तो कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने बैठक में कहा कि विपक्ष को संसद में मुद्दे उठाने की अनुमति दी जानी चाहिए।
बैठक के बाद रीजीजू ने संवाददाताओं को बताया कि 44 दलों के 55 नेताओं ने सर्वदलीय बैठक में हिस्सा लिया जहां सार्थक चर्चा हुई।
उन्होंने कहा कि संसद को सुचारू रूप से चलाना सरकार और विपक्ष की सामूहिक जिम्मेदारी है और सरकार नियमों का पालन करते हुए संसद में किसी भी मुद्दे पर चर्चा के लिए तैयार है।
सूत्रों ने बताया कि समाजवादी पार्टी के सांसद रामगोपाल यादव ने उत्तर प्रदेश सरकार के कांवड़ मार्ग पर स्थित भोजनालयों के मालिकों के नाम दिखाने के विवादास्पद निर्देश का मुद्दा उठाया।
वाईएसआर कांग्रेस ने आंध्र प्रदेश में तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) सरकार द्वारा उसके नेताओं को कथित तौर पर निशाना बनाए जाने के बारे में बात की और केंद्र से हस्तक्षेप की मांग की।
आंध्र प्रदेश में अराजकता का दावा करते हुए वाईएसआर कांग्रेस ने कहा कि राष्ट्रपति शासन ही इसका एकमात्र समाधान है।
बैठक में वाईएसआर कांग्रेस के सांसद विजयसाई रेड्डी ने केंद्रीय कोष से आंध्र प्रदेश के लिए धन के मुद्दे को भी उठाया।
उन्होंने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण का अनुसरण करने वाले राज्यों को राजस्व में हिस्सेदारी के मामले में दंडित किया जा रहा है और इस मुद्दे का वित्त आयोग द्वारा समाधान किया जाना चाहिए।
बीजू जनता दल (बीजद) ने ओडिशा के राज्यपाल के बेटे द्वारा एक अधिकारी पर कथित हमले का मुद्दा उठाते हुए कहा कि ऐसा लगता है कि वह कानून से ऊपर हैं।
बीजद सांसद सस्मित पात्रा ने बैठक के बाद कहा कि उनकी पार्टी सदन के पटल पर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएगी।
उन्होंने रेखांकित किया कि उनकी पार्टी न तो विपक्षी ‘इंडिया’ गठबंधन और न ही सरकार के साथ है।
ओडिशा में हाल में हुए विधानसभा चुनाव में बीजद को हार का सामना करना पड़ा था।
बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की और संसदीय कार्य मंत्री रीजीजू ने इसका संचालन किया।
कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने दावा किया कि संसद सत्र से पहले हुई सर्वदलीय बैठक में जनता दल (यूनाइटेड) और वाईएसआर कांग्रेस ने क्रमश: बिहार और आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की लेकिन ‘अजीब’ बात यह रही कि तेलुगू देशम पार्टी (तेदेपा) इस मामले पर चुप रही।
रमेश ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में आज सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में जद (यू) नेता ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। वाईएसआर कांग्रेस नेता ने आंध्र प्रदेश के लिए विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की। अजीब बात रही कि तेदेपा नेता इस मामले पर चुप रहे।”
रमेश की सोशल मीडिया पर यह पोस्ट तब आई जब बैठक जारी ही थी।
एक अन्य पोस्ट में कांग्रेस नेता ने कहा, “राजनीतिक माहौल कैसे बदल गया है! सदन के नेताओं की सर्वदलीय बैठक में बीजद नेता ने रक्षा मंत्री और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा को याद दिलाया कि ओडिशा में 2014 के विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा के घोषणापत्र में राज्य को विशेष श्रेणी का दर्जा देने का वादा किया गया था।”
पात्रा ने संवाददाताओं से कहा कि उनकी पार्टी ने ओडिशा के लिए विशेष दर्जे की मांग की है।
सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के प्रमुख सहयोगी जद (यू) ने हाल ही में एक प्रस्ताव पारित कर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की थी।
आंध्र प्रदेश के नेता लंबे समय से राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे हैं। लोकसभा चुनाव के बाद इस मांग ने एक बार फिर से जोर पकड़ लिया है।
वाईएसआर कांग्रेस सांसद रेड्डी ने आंध्र के लिए विशेष श्रेणी के दर्जे के मुद्दे पर टीडीपी की चुप्पी पर भी सवाल उठाया।
आंध्र प्रदेश के नेता राज्य के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे थे, लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद इस मांग ने फिर जोर पकड़ लिया है।
रमेश ने बाद में यह भी कहा कि बैठक में सांसदों के एक-दूसरे से घुलने-मिलने के लिए सेंट्रल हॉल (केंद्रीय कक्ष) को फिर से खोलने की सार्वभौमिक मांग थी।
उन्होंने कहा कि दुखद रूप से ऐतिहासिक सेंट्रल हॉल नए संसद भवन के खुलने के बाद अनुपयोगी हो गया है।
बैठक में तेदेपा और वाईएसआर कांग्रेस के बीच राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता भी देखने को मिली और तेदेपा सांसद लावू श्रीकृष्ण देवरायलु ने कहा कि आंध्र प्रदेश सरकार एक या दो दिन में राज्य की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी करेगी।
उन्होंने कहा कि पार्टी आंध्र प्रदेश में वित्तीय संकट का मुद्दा संसद में उठाएगी और संभवत: पूर्ववर्ती वाईएसआर सरकार के शासन का जिक्र करेगी।
देवरायलु ने कहा, “हमने सर्वदलीय बैठक में अनुरोध किया कि आंध्र प्रदेश के सभी मुद्दों को उठाने के लिए संसद में पर्याप्त समय दिया जाए।”
बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा, कांग्रेस नेता गौरव गोगोई और केंद्रीय मंत्री तथा लोजपा (रामविलास) नेता चिराग पासवान सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए।
संसद सत्र के पहले होने वाली इस पारंपरिक बैठक में कांग्रेस के जयराम रमेश और के सुरेश, ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) के असदुद्दीन ओवैसी, राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के अभय कुशवाहा, जनता दल (यूनाइटेड) के संजय झा, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, समाजवादी पार्टी नेता रामगोपाल यादव और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल भी मौजूद थे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण सोमवार से शुरू हो रहे सत्र के दौरान मंगलवार को केंद्रीय बजट पेश करेंगी।
सत्र सोमवार से शुरू होगा। यह 12 अगस्त तक प्रस्तावित है। इस दौरान 19 बैठकें होनी है। सत्र के दौरान सरकार की ओर से छह विधेयक पेश किए जाने की उम्मीद है, जिसमें एक 90 साल पुराने विमान अधिनियम को बदलने के लिए है। इस दौरान जम्मू एवं कश्मीर के बजट को भी संसद की ओर से मंजूरी दी जानी है। इस पूर्ववर्ती प्रदेश में वर्तमान में राष्ट्रपति शासन लागू है।
सीतारमण सोमवार को संसद में आर्थिक सर्वेक्षण भी पेश करेंगी।