वाशिंगटन, 28 फरवरी (ए)।अमेरिकी वित्त विभाग ने सोमवार को रूस के केंद्रीय बैंक और सरकारी निवेश कोष पर नये प्रतिबंध लगाये। अमेरिका ने रूस के केंद्रीय बैंक के साथ सभी लेन देन पर प्रतिबंध लगा दिया है। यूक्रेन पर रूस के हमले के जवाब में अमेरिका ने यह कदम उठाया है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने संवाददाताओं से कहा कि यह अमेरिकी वित्त विभाग का रूस की अर्थव्यवस्था को लेकर उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है।
उसने कहा कि जर्मनी, फ्रांस, ब्रिटेन, इटली, जापान, यूरोपीय संघ और अन्य देश अमेरिका के साथ मिलकर प्रतिबंधों के जरिये रूस के केंद्रीय बैंक को निशाना बना रहे हैं। वित्त मंत्री जेनेट येलेन ने कहा, ”हमने आज जो उल्लेखनीय कदम उठाया है, वह रूस की अपनी गतिविधियों को वित्तपोषित करने को संपत्ति के उपयोग की क्षमता को सीमित कर देगा…।”
वित्त विभाग के अनुसार, इस कदम से रूसी केंद्रीय बैंक अमेरिका या किसी अमेरिकी इकाई से कोई कोष नहीं जुटा पाएगा। जो बाइडन प्रशासन के अनुसार इस कदम से रूस के अरबों डॉलर के वित्तपोषण पर प्रतिकूल असर पड़ेगा। यूक्रेन पर रूस के हमले ने दुनिया को दो धड़ों में बांटकर रख दिया है। एक तरफ भारत जैसा देश तटस्थ रहने की कोशिश में है तो वहीं चीन और पाकिस्तान ने भी दूरी बना रखी है। इसके अलावा अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी जैसे पश्चिमी और यूरोपीय देश खुलकर रूस के सामने आ गए हैं। इनमें से कई देशों ने यूक्रेन को सैन्य हथियार मुहैया कराने से लेकर अन्य मदद देने की बात कही है। नाटो चीफ ने सोमवार को यूक्रेन को ऐंटी-टैंक हथियार और मिसाइलें देने का ऐलान किया। अब तक कुल 21 देशों की ओर से यूक्रेन की ओर से मदद का ऐलान किया गया है।
अमेरिका ने यूक्रेन को 350 डॉलर की अतिरिक्त मदद देने का ऐलान किया है ताकि वह हथियारों की खरीद कर सके। बीते एक साल में अमेरिका ने कीव को यह बड़ी मदद दी है। युद्ध के बाद भी अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने ऐलान किया है कि अमेरिकी सैनिक यूक्रेन नहीं जाएंगे, लेकिन हर तरह की मदद दी जाएगी।
यूरोपियन यूनियन के नेताओं ने कीव को 450 मिलियन यूरो की मदद देने की मंजूरी दी है। यह रकम यूक्रेन को हथियारों की खरीद और डिलिवरी के लिए दी जानी है। यूरोपियन यूनियन के फॉरेन पॉलिसी चीफ जोसेप बोरेल ने कहा कि कई देशों की ओर से यूक्रेन को फाइटर जेट भेजे जा रहे हैं।
कनाडा की ओर से यूक्रेन को खतरनाक सैन्य हथियार भेजे जा रहे हैं। 50 करोड़ कनाडाई डॉलर की रकम देने का फैसला लिया है। यह रकम इसलिए दी जा रही है ताकि यूक्रेन अपनी रक्षा के लिए हथियारों की खरीद कर सके।
आमतौर पर जर्मनी दूसरे देशों को हथियार निर्यात करने से बचता रहा है। लेकिन यूक्रेन की मदद में वह भी खुलकर सामने आया है। जर्मनी की ओर से 1,000 ऐंटी टैंक हथियार, 500 मिसाइल और 9 होवित्जर तोपों को भेजने का ऐलान किया गया है। यही नहीं 14 सैन्य वाहन और 10,000 ईंधन भी भेजने की बात जर्मनी ने कही है।
स्वीडन ने भी 5,000 ऐंटी टैंक रॉकेट्स को यूक्रेन भेजने का ऐलान किया है। 1939 के बाद यह पहला मौका है, जब स्वीडन ने किसी देश में हथियार भेजे हैं। इससे पहले 1939 में उसने तब ऐसा किया था, जब रूसी तानाशाह स्टालिन ने फिनलैंड पर हमला कर दिया था।