चेन्नई: 25 दिसंबर (ए) अन्ना विश्वविद्यालय की एक छात्रा के उत्पीड़न के आरोप में बिरयानी विक्रेता को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बुधवार को यह जानकारी दी।
छात्रा विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज में पढ़ाई करती है। उसने अपनी शिकायत में कहा कि जब वह 23 दिसंबर 2024 को रात लगभग आठ बजे कॉलेज परिसर में एक इमारत के पीछे अपने पुरुष मित्र से बात कर रही थी तभी एक अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें धमकाया। छात्रा ने अपनी शिकायत में कहा कि आरोपी ने उसका यौन उत्पीड़न किया।ग्रेटर चेन्नई महानगर पुलिस ने एक बयान में बताया कि पीड़िता ने कोट्टूरपुरम महिला थाने में शिकायत दर्ज कराई और मामला दर्ज कर लिया गया। बयान के मुताबिक जांच के लिए चार विशेष टीम गठित की गई हैं।बयान के मुताबिक, ‘‘जांच के दौरान, वैज्ञानिक साक्ष्य के आधार पर, कोट्टूर (महाविद्यालय के पास का एक इलाका) के गणसेकरन को इस अपराध के लिए गिरफ्तार किया गया है। संदिग्ध ने अपना इकबालिया बयान दिया है। वह फुटपाथ पर बिरयानी की दुकान चलाता है।’’
पुलिस ने बताया कि वे इस कोण से भी जांच कर रहे हैं कि क्या आरोपी अन्य अपराधों में भी शामिल तो नहीं रहा है। विश्वविद्यालय की आंतरिक शिकायत समिति (आईसीसी) के सहयोग से जांच जारी है।
बयान के मुताबिक, ‘‘विश्वविद्यालय परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं और सुरक्षा अधिकारी नियुक्त किए गए हैं।’’
पुलिस ने कहा कि विश्वविद्यालय के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद छात्रों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए उचित कार्रवाई की जाएगी और ‘‘संयुक्त रूप से सुरक्षा की समीक्षा’’ की जाएगी।
अन्ना विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार जे. प्रकाश ने कहा कि संस्थान पुलिस को जांच में पूरा सहयोग दे रही है और आईसीसी ने भी जांच शुरू कर दी है। उन्होंने कहा, ‘‘विश्वविद्यालय प्रशासन पुलिस जांच में पूरा सहयोग दे रहा है।’’
इस बीच, स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक वुमेन एसोसिएशन (एआईडीडब्ल्यूए) ने कार्रवाई की मांग करते हुए राज्य द्वारा संचालित विश्वविद्यालय परिसर के सामने प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में शामिल एक व्यक्ति ने आरोप लगाया कि छात्रा का ‘‘ परिसर के अंदर दो बाहरी लोगों द्वारा’’ यौन उत्पीड़न किया गया।
इस घटना पर तीखी राजनीतिक प्रतिक्रियाएं आई हैं। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) महासचिव ई. के. पलानीस्वामी ने घटना पर दुख जताया और कहा कि यह ‘‘शर्मनाक’’ है कि बर्बरता हुई और वह भी प्रतिष्ठित विश्वविद्यालय परिसर में।
राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष पलानीस्वामी ने कहा कि यह घटना दर्शाती है कि कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब हो गई है।
उच्च शिक्षा मंत्री गोवी चेझियान ने इस घटना का ‘राजनीतिकरण’ करने का प्रयास के लिए विपक्ष पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘‘त्वरित कार्रवाई की जा रही है। अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।’’
मंत्री ने कहा कि ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए विश्वविद्यालय स्तर पर की जाने वाली कार्रवाई तय की जाएगी।
राज्य में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के प्रवक्ता ए. सरवनन ने कहा कि यह घटना बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है और ऐसा नहीं होना चाहिए था। उन्होंने भरोसा जताया कि पुलिस ने तेजी से कार्रवाई की है, प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाया जाएगा।सत्तारूढ़ दल की सहयोगी पार्टियों भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने घटना की निंदा की और दोषियों के लिए कड़ी सजा की मांग की।
भारतीय जनता पार्टी की तमिलनाडु इकाई के अध्यक्ष के. अन्नामलाई ने भी घटना पर दुख व्यक्त किया और कहा कि घटना के समय पीड़िता और एक अन्य छात्र परिसर के अंदर ही थे। उन्होंने आरोप लगाया कि उस समय सीसीटीवी काम नहीं कर रहे थे।
भाजपा नेता ने कहा कि यह अपराध ‘‘तमिलनाडु में कानून और व्यवस्था तथा प्रशासन की वर्तमान स्थिति’’ को दर्शाता है।
पट्टाली मक्कल काची (पीएमके) के संस्थापक नेता एस. रामदास ने आरोप लगाया कि द्रमुक के द्रविड़ मॉडल शासन में अपराधियों के अलावा अन्य किसी को सुरक्षा नहीं है।