लखनऊ: 31 जुलाई (ए) उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नयी पेंशन योजना (एनपीएस) के मुद्दे पर बुधवार को विधान परिषद में कहा कि प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार बनाने के बाद राज्य के करीब आठ लाख कर्मचारियों के पेंशन खाते खोले गये हैं।
योगी ने एनपीएस पर पूछे गये सवाल का जवाब देते हुए यह जानकारी दी।उन्होंने कहा कि वर्ष 2005 में जब नयी पेंशन योजना लागू हुई तब प्रदेश में मुलायम सिंह यादव के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी (सपा) की सरकार थी। वहीं 2007 से 2012 तक बहुजन समाज पार्टी (बसपा) और फिर 2012 से 2017 तक सपा सत्ता में थी लेकिन ये दुर्भाग्यपूर्ण है कि एक भी कर्मचारी का पेंशन खाता नहीं खोला गया।आदित्यनाथ ने कहा, “साल 2018 में जब ये बात हमारे संज्ञान में आई तब हमने तत्कालीन वित्त सचिव की अध्यक्षता में समिति गठित की। इसमें संबंधित विशेषज्ञों को भी रखा गया। कर्मचारी संगठनों से भी चर्चा की गई। ये लगभग आठ लाख कर्मचारियों से संबंधित मुद्दा था। तब ये बात सामने आई थी कि कर्मचारी ने अपनी जो आखिरी तनख्वाह बैंक से निकाली होगी उसका 50 प्रतिशत देने के लिए आवश्यक होगा कि सरकार अपनी हिस्सेदारी कुछ बढ़ाये।”
उन्होंने कहा, “आकलन में पता लगा कि अगर सरकार अैर कर्मचारी समय से धन जमा करें और कर्मचारी किसी योजना से अपना पैसा जोड़ता है तो सेवानिवृत्ति के बाद करीब 60 प्रतिशत तक धन पेंशन के रूप में उसे प्राप्त हो सकता है। इसके बाद हमने पेंशन योजना में सरकार की हिस्सेदारी को 10 फीसदी से बढ़ाकर 14 प्रतिशत किया है।”
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि 2005 में नयी पेंशन योजना लागू होने के वक्त जिन कर्मचारियों की नियुक्ति अंतिम चरण में थी, ऐसे 70 हजार लोगों को पुरानी पेंशन योजना में ही रखा गया। इनमें एक बड़ी संख्या शिक्षकों की है।
आदित्यनाथ ने कहा कि नयी पेंशन योजना को प्राइवेट बैंकों में जमा करने की शिकायत को गंभीरता से लिया गया है और इसमें कार्रवाई भी की गई है। साथ ही धनराशि को वापस लाने का काम किया गया है।
उन्होंने कहा कि सरकार की प्राथमिकता होती है कि किसी भी सरकारी योजना का पैसा राष्ट्रीयकृत बैंक में ही जुड़े।
इससे पहले मुख्यमंत्री ने लाल बिहारी यादव को विधान परिषद में नेता विरोधी दल बनने पर बधाई दी।