रामपुर (उप्र), पांच नवंबर (ए) रामपुर से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक आकाश सक्सेना फर्जी जन्म प्रमाणपत्र मामले में सात साल की सजा पाये समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को इसी मामले में उम्रकैद की सजा दिलाने के लिये सत्र अदालत में अपील करेंगे।.
रामपुर की सांसद /विधायक अदालत ने अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाने के मामले में आजम खां, उनकी पत्नी तजीन फात्मा और उनके बेटे एवं पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम को गत 18 अक्टूबर को सात-सात साल की जेल की सजा सुनाई थी। आजम खां सीतापुर, अब्दुल्ला हरदोई और तजीन फात्मा रामपुर जेल में बंद हैं।.इस मामले में खां, उनकी पत्नी और बेटे के खिलाफ मामला दर्ज कराने वाले रामपुर से भाजपा के मौजूदा विधायक आकाश सक्सेना ने रविवार को संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि वह इस सजा को उम्रकैद में तब्दील करवाने के लिये अदालत में अपील करेंगे।
उन्होंने कहा, ”जिस अदालत में यह मामला चल रहा था वह किसी को सात साल से अधिक की सजा नहीं सुना सकती थी। आजम खां को (भादसं की) धारा 420, 467, 468 और 471 के तहत सजा सुनायी गयी है। इसमें धारा 467 में आजीवन कारावास का प्रावधान है, लेकिन एसीजेएम (अपर मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी) अदालत ज्यादा से ज्यादा सात साल की सजा सुना सकती है।”
उन्होंने कहा, “हम अपने अधिवक्ताओं से मशविरा करके रामपुर की सत्र अदालत में अपील करेंगे कि आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे को भादसं की धारा 467 के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनायी जाए।”
सक्सेना ने कहा, ”भारत के राजनीतिक इतिहास में ऐसा पहली बार है जब कोई लोकसेवक इस तरीके के अपराध कर रहा है कि अपने बेटे को विधायक बनाने के लिये वह खुद संलिप्त है।”
इस सवाल पर कि क्या सिर्फ आजम खां को ही उम्रकैद दिलाने के लिये अपील की जाएगी, उन्होंने कहा, ”कोई भी अपील मुकदमे को लेकर ही की जाती है तो उसमें जो भी लोग दोषी करार दिये गये हैं उन सभी की सजा बढ़वाने के लिये हम जाएंगे।”
आजम खां, उनकी पत्नी एवं पूर्व राज्यसभा सदस्य तजीन फात्मा और बेटे अब्दुल्ला आजम को भारतीय दण्ड विधान की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान प्रतिभूति वसीयत या किसी मूल्यवान प्रतिभूति को बनाने या हस्तांतरण करने का प्राधिकार, या कोई धन प्राप्त करने आदि के लिए कूटरचना), 468 (छल के लिये इस्तेमाल करने के लिये कूटरचना) और 471 (कूटरचित अभिलेख को कपटपूर्वक या बेईमानी से असली के रूप में उपयोग करना) के तहत रामपुर की एसीजेएम अदालत ने सात-सात कैद की सजा सुनायी थी।
सपा के संस्थापक सदस्य और पूर्व मंत्री आजम खां रामपुर से 10 बार विधायक रह चुके हैं। वह वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में रामपुर सदर सीट से विधायक चुने गये थे लेकिन वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव के समय नफरत भरा भाषण देने के मामले में सजा सुनाये जाने के बाद उनकी विधानसभा की सदस्यता समाप्त कर दी गयी थी। उसके बाद रामपुर सदर सीट के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी आकाश सक्सेना ने आजम खां के करीबी आसिम राजा को पराजित कर इस सीट पर पहली बार भाजपा का परचम लहराया था।