आजमगढ़, 07 जनवरी एएनएस। यूपी की राजधानी लखनऊ में बुधवार की रात हुई अजीत सिंह की हत्या के मामले में आजमगढ़ के माफिया कुंटू सिंह का नाम सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने गुरुवार को कड़ी कार्रवाई करते हुए माफिया ध्रुव कुमार सिंह उर्फ कुंटू सिंह के मकान और कटरे पर बुलडोजर चलवा कर ध्वस्त कर दिया। जीयनपुर में स्थित कुंटू सिंह की तीन मंजिला इमारत गिराने के लिए भारी फोर्स के साथ डीएम एसपी भी पहुंचे। कुंटू पर आज़मगढ़, मऊ, जौनपुर में गम्भीर धाराओं में 67 मुकदमे दर्ज हैं।
बुधवार की रात हुई कई राउंड हुई फायरिंग में अजीत सिंह का एक साथी मोहर सिंह और एक डिलीवरी ब्वॉय आकाश भी घायल हुआ था। घायल मोहर सिंह की तहरीर पर कुंटू सिंह, अखंड सिंह और गिरधारी विश्वकर्मा के खिलाफ 302,307,120B और धारा 34 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। गुरुवार को जिला प्रशासन ने माफिया कुंटू सिंह का घर गिराने के लिए बुलडोजरों की लाइन लगा दी। प्रशासन की तरफ से माफिया के मकान और कटरे को ध्वस्त करने की कार्रवाई जारी रही।
बताया जाता है कि अजीत सिंह और कुंटू सिंह के बीच काफी गहरी दोस्ती थी, लेकिन संपत्ति के बंटवारे में दोनों के बीच मतभेद हो गया। धीरे-धीरे यह मतभेद जानी दुश्मनी तक जा पहुंची। आजमगढ़ के सगड़ी के तत्कालीन विधायक सर्वेश सिंह सीपू की हत्या की साजिश रचे जाने की मुखबिरी इसी अजीत सिंह ने की थी। इसकी वजह से प्रशासन ने सीपू सिंह को सुरक्षा प्रदान की थी। हालांकि बाद में सीपू सिंह की हत्या कर दी गई। इसमें कुंटू सिंह का नाम आया था।
ब्लॉक प्रमुख पद पर कब्जा करने की कुंटू सिंह की इच्छा अजीत सिंह की वजह से पूरी नहीं हो पाई। संपत्ति के बंटवारे को लेकर अजीत और कुंटू के बीच दूरियां लगातार बढ़ती ही गईं। इसका परिणाम ये हुआ कि इन दोनों की दोस्ती दुश्मनी में तब्दील हो गई। अब कुंटू सिंह अजीत को अपने राह का सबसे बड़ा रोड़ा मानने लगा। अजीत सिंह को इसकी जानकारी थी, इसीलिए वह कुंटू से सावधान रहता था।
