योग्य छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंत्रिमंडल की मंजूरी

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नयी दिल्ली: छह नवंबर (ए) केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मेधावी विद्यार्थियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को बुधवार को मंजूरी दे दी, ताकि वित्तीय बाधाएं उन्हें गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोक सकें। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने यह जानकारी दी।

पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना के अनुसार, गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों (क्यूएचईआई) में दाखिला लेने वाला कोई भी विद्यार्थी पाठ्यक्रम से संबंधित ट्यूशन शुल्क और अन्य खर्चों की पूरी राशि को कवर करने के लिए बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना किसी जमानत या गारंटर के ऋण हासिल करने के लिए पात्र होगा।वैष्णव ने यहां संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘‘मंत्रिमंडल ने मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है ताकि वित्तीय बाधाएं भारत के किसी भी युवा को गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा प्राप्त करने से न रोक सकें।यह योजना राष्ट्रीय संस्थागत रैंकिंग ढांचा (एनआईआरएफ) रैंकिंग द्वारा निर्धारित सरकारी और निजी सभी शीर्ष क्यूएचईआई पर लागू होगी जो समग्र, श्रेणी-विशिष्ट और विषय-विशिष्ट रैंकिंग में एनआईआरएफ में शीर्ष 100 में स्थान रखते हैं। इसमें एनआईआरएफ में 101-200 रैंक पर आने वाले राज्य सरकार के उच्च शिक्षा संस्थान और केंद्र सरकार द्वारा संचालित सभी संस्थान भी शामिल हैं।एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, ‘‘यह सूची हर साल नवीनतम एनआईआरएफ रैंकिंग का इस्तेमाल करके अद्यतन की जाएगी, और शुरुआत में 860 योग्य क्यूएचईआई के साथ 22 लाख से अधिक छात्रों को शामिल किया जाएगा, ताकि वे चाहें तो पीएम-विद्यालक्ष्मी का लाभ उठा सकें।’’