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ईडी की गाड़ी रोकने और पथराव करने के आरोप में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज

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दुर्ग: 11 मार्च (ए) छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भूपेश बघेल के ठिकानों पर छापेमारी करने गए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अधिकारियों के वाहनों को रोकने और उनके शीशे तोड़ने के आरोप में कांग्रेस कार्यकर्ताओं के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि सोमवार रात एक निजी वाहन के चालक ने पुरानी भिलाई थाने में शिकायत दी थी, जिसके आधार पर प्राथमिकी दर्ज की गई।ईडी ने कथित शराब घोटाले के मामले में भूपेश बघेल के पुत्र चैतन्य बघेल के खिलाफ धन शोधन जांच के तहत सोमवार को भिलाई के मानसरोवर कॉलोनी में बघेल के आवास और दुर्ग में 13 अन्य स्थानों पर छापेमारी की थी।

सूत्रों के अनुसार, तलाशी करीब आठ घंटे तक चली। इस दौरान ईडी ने लगभग 30 लाख रुपये नकद और कुछ दस्तावेज जब्त किए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि वाहन चालक ने पुलिस को दी अपनी शिकायत में कहा है कि सोमवार को शाम करीब साढ़े चार बजे बघेल के आवास से निकलते समय लगभग 15-20 प्रदर्शनकारियों ने चार पहिया वाहन को रोका और कुछ लोग बोनट पर चढ़ गए। 

पुलिस द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी में कहा गया है कि किसी ने एक पत्थर भी फेंका जो वाहन के सामने के विंडशील्ड पर लगा। उन्होंने बताया कि पुलिस ने भिलाई निवासी सनी अग्रवाल और 15-20 अन्य लोगों के खिलाफ दंगा, गैरकानूनी जमावड़ा, लोक सेवक के काम में बाधा डालने, लोक सेवक पर हमला या आपराधिक बल का प्रयोग, गलत तरीके से रोकने और सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का मामला दर्ज किया है। ईडी के छापे के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री बघेल घर पर मौजूद थे। बाद में उन्होंने ईडी की छापेमारी के मकसद पर सवाल उठाए। 

ईडी कर्मियों के उनके परिसर से चले जाने के बाद संवाददाताओं से बात करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, ”यह कार्रवाई हताशा का परिणाम है और यह दर्शाता है कि वे (भाजपा) किसी भी हद तक जा सकते हैं। यह दर्शाता है कि राज्य विधानसभा में सवाल पूछना अपराध बन गया है। इससे पहले, (पूर्व मंत्री और पार्टी नेता) कवासी लखमा ने राज्य विधानसभा में सवाल पूछा था, और इसके आठ दिनों के भीतर ईडी ने उनके खिलाफ कार्रवाई की और उन्हें जेल में डाल दिया।” 

बघेल ने कहा, ”तीन साल से शराब घोटाले की जांच चल रही है, अभी तक उन्होंने न तो अंतिम रिपोर्ट पेश की है और न ही आरोप तय किए हैं। मैंने विधानसभा के चल रहे बजट सत्र में उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा से गरीबों के लिए आवास योजना के बारे में पूछा। महज चार दिनों के भीतर, आज ईडी मेरे आवास पर आ पहुंची।” 

उन्होंने कहा कि भाजपा इसलिए भी हताश है क्योंकि रायपुर में सीबीआई की विशेष अदालत ने कथित सात साल पुराने (सेक्स) सीडी मामले में उन्हें सभी आरोपों से मुक्त कर दिया। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ”इन दो कारणों से भाजपा बहुत हताश है। तलाशी के दौरान उन्हें मेरे घर में 32-33 लाख रुपये नकद मिले, जहां मैं अपनी पत्नी, तीन बेटियों, बेटे, बहू और पोते-पोतियों के साथ रहता हूं। यह कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि मेरा एक बड़ा परिवार है और हम 140 एकड़ में खेती करते हैं तथा आय के अन्य स्रोत भी हैं। हम इसका ब्योरा देंगे।”

उन्होंने कहा कि ईडी को भाजपा नेताओं से संबंधित मामलों के कुछ दस्तावेजों को छोड़कर कुछ भी नहीं मिला है। ईडी के अनुसार राज्य में कथित शराब घोटाला 2019 और 2022 के बीच हुआ था, जब छत्तीसगढ़ में बघेल के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार का शासन था। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पहले कहा था कि छत्तीसगढ़ में शराब घोटाले के कारण राज्य के खजाने को भारी नुकसान हुआ और शराब सिंडिकेट के लाभार्थियों की जेब में 2,100 करोड़ रुपये से अधिक की रकम भरी गई। 

ईडी ने इस मामले में पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता कवासी लखमा के अलावा रायपुर के महापौर और कांग्रेस नेता एजाज ढेबर के बड़े भाई अनवर ढेबर, पूर्व आईएएस अधिकारी अनिल टुटेजा, भारतीय दूरसंचार सेवा (आईटीएस) अधिकारी अरुणपति त्रिपाठी और कुछ अन्य को इस जांच के तहत गिरफ्तार किया है। 

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