बक्सर,13 मई (ए)। बिहार के बक्सर जिले में प्रशासन ने नदी में बहकर आ रही लाशों को लेकर होने वाली बदनामी के दाग को धोने के लिए एक गुप्त अभियान चलाया। बक्सर जिला प्रशासन ने उत्तर प्रदेश की सीमा में घुसकर पता लगाया कि गाजीपुर के एक थाना क्षेत्र से लाशों को गंगा में प्रवाहित किया जाता है। फिर वे लाशें महदेवा घाट सहित बक्सर जिले में आकर फैल जाती हैं। इसके लिए बक्सर प्रशासन ने नदी पर एक महाजाल लगाया है। जिसमें पहले दिन ही 8 शव मिले हैं। बक्सर के जिलाधिकारी ने इस गुप्त अभियान के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि अगर हम चौसा में लाश डालते हैं तो लाशें चार-पांच दिन बाद दूर कई किलोमीटर जाकर निकलेंगी। कल हमारी टीम गाजीपुर ऑफ स्ट्रीम गई। जहां टीम ने देखा कि लोग गंगा में लाश डाल रहे हैं। ये काफी गंभीर विषय है। हम लोगों ने गंगा नदी पर महाजाल लगाया है। क्योंकि हम ये देखना चाहते थे कि कितनी लाशें बहकर आ रही हैं। बुधवार को महाजाल से आठ लाशें मिली हैं। दरअसल, बक्सर जिले में जब से लाशें मिलने का मामला सामने आया था, तभी से बक्सर सहित बिहार पर कई सवाल खड़े हो गए थे ऐसे में जिला प्रसाशन की टीम रात के अंधेरे में बिहार से उत्तर प्रदेश की सीमा में गई और वहां एक मल्लाह को पकड़ा, जो लाशों को यूपी के बारे थाना की पुलिस के कहने पर गंगा में प्रवाहित कर रहा था। बक्सर प्रशासन की टीम ने उसका एक वीडियो बनाया और बतौर सबूत इसे जारी किया ताकि सच्चाई सबके सामने लाई जा सके। बिहार के बक्सर जिला प्रशासन ने अपने सीक्रेट ऑपरेशन को यूपी के गाजीपुर जिले में किसी सर्जिकल स्ट्राइक की तरह अंजाम दिया। इसके बाद अब उत्तर प्रदेश पुलिस सवालों के घेरे में आ गई है और ये सवाल भी उठ रहा है कि जो लाशें बक्सर के महादेव घाट पर मिली थीं, क्या वे यूपी से आईं थीं? क्योंकि उनकी वजह से बिहार का नाम बदनाम हुआ।