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राहुल गांधी के बयान से छेड़छाड़ का मामला : न्यायालय टीवी प्रस्तोता की याचिका पर सुनवाई को राजी

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नयी दिल्ली, छह जुलाई (ए) कांग्रेस नेता राहुल गांधी के बयान को गलत संदर्भ में दिखाते हुए एक समाचार प्रसारित करने के लिए कुछ राज्यों में प्राथमिकियों का सामना कर रहे टेलीविजन समाचार प्रस्तोता रोहित रंजन की एक याचिका पर उच्चतम न्यायालय बृहस्पतिवार को सुनवाई करने के लिये तैयार हो गया है। रंजन ने याचिका में कथित अपराध के लिये दंडात्मक कार्रवाई से संरक्षण की मांग की है।

टीवी प्रस्तोता की ओर से पेश वरिष्ठ वकील सिद्धार्थ लूथरा ने छेड़छाड़ की गयी वीडियो क्लिप के प्रसारण के लिए कई राज्यों में उनके खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज किए जाने के बाद याचिका पर तत्काल सुनवाई का अनुरोध किया।

इस पर न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति जे के माहेश्वरी की अवकाशकालीन पीठ ने कहा, ‘‘इसे कल के लिए सूचीबद्ध कीजिए।’’

लूथरा ने कहा, ‘‘इस शख्स को नोएडा में कल उत्तर प्रदेश पुलिस ने गिरफ्तार किया और जमानत पर रिहा कर दिया गया क्योंकि अपराध जमानती था।’’

उन्होंने कहा कि समाचार प्रस्तोता ने एक कार्यक्रम में गलती की थी और उसके लिए माफी मांग ली थी तथा खबर वापस ले ली गयी थी। उन्होंने कहा, ‘‘अब छत्तीसगढ़ पुलिस उन्हें गिरफ्तार करना चाहती है। कृपया इस पर तत्काल सुनवाई कीजिए, अन्यथा उन्हें बार-बार हिरासत में लिया जाएगा।’’

गौरतलब है कि मंगलवार को छत्तीसगढ़ पुलिस का एक दल रोहित रंजन को उनके घर से गिरफ्तार करने के लिए उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद पहुंचा था लेकिन उन्हें नोएडा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया और रात में ज़मानत पर रिहा कर दिया।

नोएडा पुलिस के एक अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखे जाने की शर्त पर ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘एक जुलाई को रंजन के शो के दौरान प्रसारित हुए छेड़छाड़ वाले वीडियो को लेकर उनके ही चैनल द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के आधार पर भारतीय दंड संहिता की धारा 505 (सार्वजनिक शरारत करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी। इसी प्राथमिकी के संबंध में नोएडा सेक्टर-20 थाने के एक दल ने उन्हें मंगलवार सुबह पूछताछ के लिए उनके घर से हिरासत में लिया।’’

छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में पुलिस अधीक्षक प्रशांत अग्रवाल ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया कि कांग्रेस विधायक देवेंद्र यादव की शिकायत पर रविवार को रंजन और जी न्यूज के अन्य कर्मियों के खिलाफ विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देने और लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के आरोप में मामला दर्ज किया गया था।

यादव ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि जिस वीडियो में राहुल ने उनके वायनाड कार्यालय में तोड़-फोड़ करने वालों को बच्चे बताया था और कहा था कि उनके मन में उनके लिए कोई दुर्भावना नहीं है, उसे टीवी चैनल ने एक जुलाई को ‘‘शरारतपूर्ण ढंग से’’ इस्तेमाल किया और इस तरह से दिखाया कि राहुल उदयपुर में दर्जी कन्हैया लाल के हत्यारों को माफ करने की बात कर रहे हैं।

रायपुर में भारतीय दंड संहिता की धारा 153ए (दो अलग-अलग वर्गों में दुश्मनी को बढ़ावा देना), 295ए (किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य करना), 467 (जालसाज़ी), 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जालसाज़ी) और 504 (जानबूझकर अपमान करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।

इससे पहले, रंजन ने अपने टीवी कार्यक्रम में गांधी के बयान को ‘‘गलत संदर्भ में’’ उदयपुर हत्याकांड से ‘‘गलती से’’ जोड़कर दिखाने के लिए दो जुलाई को माफी मांगी थी। इससे एक दिन पहले कार्यक्रम प्रसारित किया गया था।

रंजन ने ट्वीट किया था, ‘‘हमारे शो डीएनए में राहुल गांधी का बयान उदयपुर की घटना से जोड़कर गलत संदर्भ में चल गया था। यह एक मानवीय भूल थी, जिसके लिए हमारी टीम क्षमाप्रार्थी है। हम इसके लिए खेद जताते हैं।’’

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