नयी दिल्ली: दो फरवरी (ए) केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मानवाधिकार कार्यकर्ता हर्ष मंदर और उनके गैर-सरकारी संगठन (एनजीओ) के खिलाफ विदेशी अंशदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के कथित उल्लंघन का मामला दर्ज किया और शुक्रवार को इसके परिसरों की तलाशी ली। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
सीबीआई के एक बयान के अनुसार, मंदर के आधिकारिक और आवासीय परिसर सहित दिल्ली में दो स्थानों पर तलाशी ली गई।एजेंसी ने एफसीआरए के विभिन्न प्रावधानों के कथित उल्लंघन के लिए गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर प्रारंभिक जांच करने के बाद पूर्व आईएएस अधिकारी मंदर और उनके दिल्ली स्थित एनजीओ ‘सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज’ (सीईएस) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।
एजेंसी ने कथित एफसीआरए उल्लंघन को लेकर ‘सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज’, अमन बिरादरी ट्रस्ट, ऑक्सफैम इंडिया और एक्शन एड एसोसिएशन के खिलाफ गृह मंत्रालय की एक शिकायत पर पिछले साल 13 अप्रैल को प्रारंभिक जांच शुरू की थी।
प्राथमिकी में कहा गया है कि जांच से पता चला कि ‘सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज’ की स्थापना और पंजीकरण एक ट्रस्ट के रूप में किया गया था, जिसके अध्यक्ष हर्ष मंदर थे।
इसमें आरोप लगाया गया है कि जांच से पता चला है कि सीईएस ने अपने अध्यक्ष मंदर के माध्यम से एफसीआरए के कथित उल्लंघन में एफसीआरए खातों से धन की हेराफेरी की।
गृह मंत्रालय ने पिछले साल 14 जून को सीईएस के एफसीआरए पंजीकरण को छह महीने के लिए निलंबित कर दिया था।
सीबीआई की कार्रवाई पर प्रतिक्रिया देते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘सीबीआई हर्ष मंदर के घर और कार्यालय पर छापेमारी कर रही है। वह सबसे उदार कार्यकर्ताओं में से एक रहे हैं, जिन्होंने कमजोरों और गरीबों के लिए अथक प्रयास किया है। उन्हें केवल इसलिए निशाना बनाया जा रहा है, क्योंकि वह इस सरकार के आलोचक रहे हैं। आलोचकों को निशाना बनाने के लिए सभी एजेंसियों का खुलेआम इस्तेमाल किया जा रहा है।’’
मंदर ने भूषण को धन्यवाद देते हुए कहा, ‘‘हमें प्यार और मुक्त देश के दृष्टिकोण को संरक्षित करने के लिए हाथ में हाथ मिलाना जारी रखना होगा, चाहे इसके लिए कोई भी कीमत क्यों न चुकानी पड़े।’’