पटना: सात मार्च (ए) बिहार विधान परिषद में शुक्रवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और विपक्षी महिला सदस्यों के बीच उस समय नोकझोंक हुई, जब राष्ट्रीय जनता दल (राजद) की एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) उर्मिला ठाकुर ने अपने इलाके में लड़कियों के लिए पर्याप्त संख्या में स्कूल न होने का मुद्दा उठाया।
उर्मिला ने सदन में पूछे गए एक सवाल पर राज्य के शिक्षा मंत्री सुनील कुमार की ओर से दिए जवाब पर असंतोष जाहिर किया। उन्होंने बेगूसराय जिले का उदाहरण दिया और कहा कि वहां “कई गांवों में लड़कियां शिक्षा से वंचित हैं, क्योंकि सबसे नजदीकी स्कूल तक पहुंचने के लिए भी उन्हें चार से पांच किलोमीटर पैदल चलना पड़ता है।एक पितृसत्तात्मक राज्य में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए अक्सर अपनी सरकार की तारीफों के पुल बांधने वाले नीतीश इस पर बिफर गए। उन्होंने अपनी सीट पर बैठे-बैठे ही कहा, “क्या आप लोग जानते भी हैं कि हमने लड़कियों की शिक्षा के लिए क्या किया है? जब तक हम सत्ता में नहीं आए थे, तब तक बिहार में गांव की लड़कियां शायद ही स्कूल जाती थीं।”
इस पर उर्मिला ने मुख्यमंत्री से कहा, “सर, कृपया ऐसा मत कहिए। मैं भी एक गांव से ही हूं। मैं पुरानी पीढ़ी से हूं, फिर भी मैंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की।”
इस बीच, राजद की एक और एमएलसी मुन्नी देवी रजक अपनी सीट से उठीं और नीतीश से कहा, “हमें सरकार से सवाल पूछने का अधिकार है। जवाब देना आपका काम है।”
बात बढ़ने का अंदेशा होने पर उर्मिला ने रजक से चुप रहने और उन्हें बोलने देने का आग्रह किया।
हालांकि, नीतीश अपनी सीट से उठ गए और विपक्षी सदस्यों पर निशाना साधते हुए, “आपकी पार्टी ने कुछ नहीं किया। आप लोग कुछ नहीं जानतीं। जिन लोगों ने महिलाओं के लिए कुछ नहीं किया, आप उन्हीं की पार्टी में हैं।”
उन्होंने कहा, “आपको पता ही नहीं है कि हमने महिलाओं के लिए क्या किया है। आप खुद महिला हैं, लेकिन आपका क्या योगदान रहा है?”
इसके बाद नीतीश ने पूर्व मुख्यमंत्री और राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद की पत्नी राबड़ी देवी पर तीखा प्रहार किया, जो बिहार विधान परिषद में विपक्ष की नेता हैं।
उन परिस्थितियों को याद करते हुए, जिनमें राबड़ी ने मुख्यमंत्री के रूप में अपने पति की जगह ली थी, नीतीश ने कहा, “जब इसके (राबड़ी) पति डूबने लगे, तो उन्होंने अपनी पत्नी को (मुख्यमंत्री पद पर) बैठा दिया।”
लालू को चारा घोटाले से जुड़े मामले में अपने खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी होने के बाद जब मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था, तब उन्होंने अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बना दिया था।
नीतीश ने तल्ख लहजे में कहा, “आपकी पार्टी (राजद) ने कुछ नहीं किया। आप लोग कुछ नहीं जानते। महिलाओं के लिए जो कुछ भी किया गया है, वह मैंने किया है। अब महिलाओं को कोई समस्या नहीं है।” इसके बाद वह अपनी सीट पर बैठ गए।
सदन में मौजूद शिक्षा मंत्री मुख्यमंत्री और विपक्षी महिला सदस्यों के बीच तीखे शब्दों के आदान-प्रदान से हतप्रभ दिखे। इस बीच, सभापति अवधेश नारायण सिंह ने अपनी सीट पर खड़े होकर विपक्षी सदस्यों से शांत होने का आग्रह किया, जिसके बाद सदन में व्यवस्था बहाल हुई।
बाद में, जब मुख्यमंत्री सदन से बाहर चले गए, तो राजद एमएलसी सुनील कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री के “इसके पति” टिप्पणी पर आपत्ति जताई और सभापति से इसे सदन की कार्यवाही से हटाने का आग्रह किया।
सिंह ने कहा, “उनके (राबड़ी) पति एक कद्दावर नेता हैं, जिन्हें हर कोई जानता है। सदन के नेता ने जिस तरह से उनके बारे में बात की, वह अनुचित था।”
हालांकि, सभापति का कहना था कि टिप्पणी में “कुछ भी असंसदीय नहीं था”, लिहाजा इसे सदन की कार्यवाही से हटाए जाने की जरूरत नहीं है।