नयी दिल्ली, 23 अक्टूबर (ए) दिल्ली उच्च न्यायालय ने पतंगबाजी के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी मांझे के कारण होने वाली मौतों और चोटों से बचने के लिए पुलिस को निगरानी और मामले दर्ज करना जारी रखने का निर्देश दिया है।.
उच्च न्यायालय ने दिल्ली पुलिस द्वारा दायर स्थिति रिपोर्ट पर गौर किया, जिसमें कहा गया कि थोक और खुदरा बाजारों में निरंतर निगरानी की जा रही है ताकि चीनी मांझे की बिक्री पर अधिकतम अंकुश लगाया जा सके।.न्यायमूर्ति प्रतिभा एम. सिंह ने कहा, ‘‘यह कहने की जरूरत नहीं है कि दिल्ली पुलिस निरंतर निगरानी और नियमित रूप से मामले दर्ज करना जारी रखेगी ताकि चीनी मांझे के कारण होने वाली मौतों/चोटों को अधिकतम हद तक टाला जा सके।’’
उच्च न्यायालय पॉलिएस्टर, नायलॉन, प्लास्टिक या किसी अन्य सिंथेटिक सामग्री, जिसे चीनी मांझा भी कहा जाता है, से बने धागे से गला कटने से चार लोगों की मौत से संबंधित चार मामलों की सुनवाई कर रहा है।
ये याचिकाएं पीड़ित परिवारों द्वारा दायर की गई हैं, जिन्होंने अधिकारियों से मुआवजे की मांग के साथ ही जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
अदालत के पहले के आदेश के अनुपालन में, दिल्ली राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण (डीएसएलएसए) ने एक रिपोर्ट दाखिल की जिसमें कहा गया कि चीनी मांझे के पीड़ित परिवारों को दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना, 2018 के तहत कवर किया जाएगा।
योजना के तहत जानमाल के नुकसान पर अधिकतम मुआवजा 10 लाख रुपये है।
अदालत ने कहा कि उसे इस मुद्दे पर सुनवाई करनी होगी कि क्या दिल्ली पीड़ित मुआवजा योजना के तहत निर्धारित से अधिक मुआवजा दिया जा सकता है, और यदि हां, तो किस तरीके से।
मामले में अगली सुनवाई एक नवंबर को होगी।