नई दिल्ली, 18 जुलाई (ए)। राष्ट्रपति चुनाव के लिए संसद और देश के सभी राज्यों की विधानसभाओं में सोमवार को जारी मतदान के दौरान जमकर क्रास वोटिंग की खबर है। एनडीए ने एक तरफ अपना कुनबा इस चुनाव में मजबूत करके दिखाया है तो वहीं विपक्षी खेमे को क्रॉस वोटिंग का सामना करना पड़ा है। गुजरात से लेकर यूपी तक में एनसीपी, कांग्रेस और सपा में फूट देखने को मिली है। गुजरात में एनसीपी के विधायक कांधल एस. जडेजा ने पार्टी के रुख से अलग एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू के समर्थन में वोट दिया। उन्हें लेकर पहले ही आशंका जताई जा रही थी कि वह पार्टी से अलग रुख अपना सकते हैं। एनसीपी ने यशवंत सिन्हा के समर्थन का ऐलान किया था। इसके अलावा झारखंड से एनसीपी विधायक कमलेश सिंह ने भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डाल दिया। उन्होंने मतदान के बाद कहा कि मैंने अपनी अंतरात्मा के आवाज पर द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में वोट डाला है।
यही नहीं गुजरात में भारतीय ट्राइबल पार्टी के नेता छोटूभाई वसावा ने भी द्रौपदी मुर्मू को ही वोट किया है। उन्होंने कहा कि मैंने ऐसी नेता को वोट दिया है, जिसने गरीबों को आगे बढ़ाने के लिए काम किया है। अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी को भी राष्ट्रपति चुनाव में फूट का सामना करना पड़ा है। एक तरफ अखिलेश यादव के चाचा और प्रसपा प्रमुख शिवपाल यादव ने खुलेआम द्रौपदी मुर्मू को वोट दिया है तो वहीं सपा के अपने ही विधायक शहजील इस्लाम ने भी द्रौपदी मुर्मू के पक्ष में मतदान किया है। बरेली के भोजीपुरा से पार्टी विधायक शहजील इस्लाम बीते कुछ वक्त से पार्टी से नाराज बताए जा रहे थे।
राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के साझा उम्मीदवार यशवंत सिन्हा ने सोमवार को कहा कि यह चुनाव देश की दिशा इस मायने में तय करेगा कि लोकतंत्र रहेगा या नहीं। उन्होंने सांसदों और विधायकों का आह्वान भी किया कि वे अंतरात्मा की आवाज सुनें और उनका समर्थन करें।
वहीं, राजग की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू की जीत की कामना करते हुए रविवार को ओडिशा में विभिन्न पूजा स्थलों पर भाजपा कार्यकर्ताओं तथा आदिवासी समुदायों के लोगों ने मिट्टी के दीये जलाए और यज्ञ का आयोजन किया।
मतों की गिनती संसद भवन में होती है। मतगणना 21 जुलाई को होगी। जम्मू कश्मीर में विधानसभा नहीं होने की वजह से इस बार सांसदों के मतों का मूल्य 708 से घटकर 700 हो गया है।
राज्यों में विधायकों के मतों के मूल्य अलग-अलग हैं। उत्तर प्रदेश के प्रत्येक विधायक का राष्ट्रपति चुनाव में मत मूल्य अन्य किसी राज्य के विधायक से अधिक है। उत्तर प्रदेश के विधायकों के मत का मूल्य 208 है, जबकि झारखंड और तमिलनाडु के विधायकों का मूल्य 176 है। महाराष्ट्र में यह 175, सिक्किम में सात, नगालैंड में नौ और मिजोरम में आठ है।
मुर्मू अगर यह चुनाव जीतकर राष्ट्रपति बन जाती हैं, तो स्वतंत्रता के बाद जन्मी इस शीर्ष पद पर पहुंचने वाली पहली नेता होंगी। वह देश की पहली आदिवासी और सबसे युवा राष्ट्रपति भी होंगी।