लंदन, 01 जुलाई (ए)।ब्रिटेन में जब अप्रैल में दुनिया का सबसे लंबा चला लॉकडाउन खत्म हुआ था, तब देश में आम भरोसा देखने को मिला कि बुरा दौर अब गुजर गया है। लेकिन अब जिस तरह वहां फिर से कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़े हैं, उससे साफ है कि अभी ब्रिटेन को राहत की सांस लेने में लंबा इंतजार करना पड़ेगा। ब्रिटेन उन देशों में है, जहां सबसे ज्यादा टीकाकरण हुआ है। इसके बावजूद अब देश पर कोविड-19 महामारी की तीसरी लहर का खतरा मंडराने लगा है।
पिछले हफ्ते देश में नए संक्रमण के एक लाख 20 हजार मामले सामने आए। यह उसके पहले के हफ्ते में सामने आए मामलों से 48 हजार ज्यादा है। इस बार सबसे ज्यादा और तेजी से संक्रमण ने स्कूलों को अपनी चपेट में लिया है। संक्रमण के बढ़ते मामलों के साथ लोगों के अस्पताल में भर्ती होने और मृत्यु की संख्या भी बढ़ रही है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि इस बार मृत्यु दर पहले से काफी कम है। इसे टीकाकरण का फायदा समझा जा रहा है।
ब्रिटेन में ताजा लहर कोरोना वायरस के डेल्टा वैरिएंट की वजह से आई है। जानकारों के मुताबिक, अब जो नए मामले सामने आ रहे हैं, उनमें लगभग सबके लिए यही वैरिएंट जिम्मेदार है। विश्लेषकों के मुताबिक, इसी वजह से अब दुनिया भर में ब्रिटेन को एक टेस्ट केस के रूप में देखा जा रहा है। ब्रिटेन दुनिया का पहला देश बना है, जहां टीकाकरण की दर ऊंची है, फिर भी जहां कोरोना वायरस का सबसे अधिक संक्रामक वैरिएंट तेजी से फैल रहा है। इस कारण यहां रोजमर्रा की जिंदगी पर नई पाबंदियां लगाने पर विचार किया जा रहा है।
खतरा बढा: यहां लोगों को तेजी से चपेट में ले रहा कोरोना का डेल्टा वैरिएंट
