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संभल हिंसा में मरने वालों की संख्या चार हुई; जिले में 30 नवंबर तक ‘बाहरी’ लोगों के प्रवेश पर रोक

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संभल: 25 नवंबर (ए) उत्तर प्रदेश के संभल की जामा मस्जिद में रविवार को सर्वेक्षण के दौरान हुई हिंसा में घायल एक और व्यक्ति की मौत हो गई जिससे हिंसा में मरने वालों की संख्या बढ़कर चार हो गयी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।मुरादाबाद परिक्षेत्र के पुलिस उपमहानिरीक्षक मुनिराज जी. ने सोमवार को संवाददाताओं को बताया कि रविवार को हुई हिंसा में घायल होने के बाद मुरादाबाद में भर्ती कराये गये एक और व्यक्ति की मौत हो गयी है। उन्होंने बताया कि जल्द ही शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा।

उन्होंने बताया कि हिंसा में मारे गये तीन युवक नईम, बिलाल और नोमान का अंतिम संस्कार कर दिया गया है। पुलिस उपमहानिरीक्षक ने बताया कि घटना के वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवियों की पहचान करके उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

इस बीच, एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि तनावपूर्ण हालात के मद्देनजर जिला प्रशासन ने आगामी 30 नवंबर तक जिले में ‘‘बाहरी’’ लोगों के प्रवेश पर पाबंदी लगा दी है।

बयान में कहा गया कि अब किसी भी बाहरी व्यक्ति, सामाजिक संगठन या जनप्रतिनिधि को जिले में दाखिल होने के लिए प्रशासन से अनुमति लेनी होगी।

जिलाधिकारी राजेंद्र पेसीया ने रविवार देर रात जारी एक आधिकारिक बयान में कहा कि जिले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) 163 के अंतर्गत 30 नवंबर तक निषेधाज्ञा लागू की गई है।

स्थानीय अदालत में एक याचिका दायर कर दावा किया गया है कि चंदौसी के कोट मोहल्ले में जहां जामा मस्जिद है, वहां पहले हरिहर मंदिर था।

उच्चतम न्यायालय के अधिवक्ता एवं मामले में याचिकाकर्ता विष्णु शंकर जैन ने बताया कि दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत ने जामा मस्जिद के सर्वेक्षण के लिये ‘एडवोकेट कमीशन’ गठित करने के निर्देश दिये थे, जिन्होंने 24 नवंबर को सर्वे की शेष कार्यवाही की। इसके बाद मुस्लिम समुदाय ने भारी विरोध प्रदर्शन करते हुए पथराव और आगजनी की। घटना के बाद संभल जिले का माहौल अति संवेदनशील हो गया है।

जिलाधिकारी ने कहा, ‘‘इसे देखते हुए एक अक्टूबर से लागू निषेधाज्ञा के वर्णित उपबंधों के अतिरिक्त उपबंधों को शामिल किया जाता है। अब कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जन प्रतिनिधि सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना जिले की सीमा में प्रवेश नहीं करेगा।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह आदेश निषेधाज्ञा एक अक्टूबर, 2024 का अभिन्न अंग रहेगा तथा तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा।’’

पुलिस के अनुसार संभल की जामा मस्जिद में अदालत के आदेश पर रविवार को किए गए सर्वेक्षण का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी, पुलिस से भिड़ गए थे।

पुलिस ने बताया कि इस हिंसा के दौरान हुई गोलीबारी तथा पथराव में तीन लोगों की मौत हो गई और कुल 20 लोग जख्मी हो गए। उसने बताया कि पुलिस के जनसंपर्क अधिकारी (पीआरओ) संजीव कुमार के पैर में गोली लगी है जबकि उप जिलाधिकारी रमेश चंद्र के पैर की हड्डी टूट गई है। पुलिस ने बताया कि संभल के पुलिस क्षेत्राधिकारी अनुज कुमार को भी छर्रे लगे हैं।हिंसा के बाद व्याप्त तनाव को देखते हुए संभल तहसील में इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी गई हैं तथा 12वीं कक्षा तक के सभी स्कूल सोमवार को बंद रखने के आदेश दिए गए हैं।

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