बदायूं,20 मार्च (ए)। यूपी के बदायूँ से एक ऐसी खबर सामने आई है जहाँ नसबंदी के बाद भी 24 महिलाएं गर्भवती हो गईं। इन महिलाओं ने साल 2019-20 में जिले में ब्लॉक स्तर पर लगाए गए शिविरों में नसबंदी कराई थी। इनमें 12 महिलाओं की जांच पड़ताल के बाद मुआवजे के लिए फाइल निदेशक परिवार कल्याण के लिए भेज दी गई है। अन्य 12 महिलाओं के मामले में स्थानीय स्तर पर प्रक्रिया पूरी की जा रही है।
परिवार नियोजन के तहत सरकार कई कार्यक्रम चला रही है। नसबंदी कार्यक्रम भी इसमें शामिल है। नसबंदी कराने के लिए प्रोत्साहन भी दिया जाता है। वर्ष 2019-20 में समय-समय पर ब्लॉक स्तर पर नसबंदी शिविरों का आयोजन कराया गया था। शिविरों में 2115 महिलाओं ने नसबंदी कराई थी, लेकिन नसबंदी फेल होने के कारण 24 महिलाएं गर्भवती हो गईं। गर्भवती होने वाली इन 24 महिलाओं की ओर से मुआवजे के लिए दावा पेश किया है।
जांच-पड़ताल के बाद स्वास्थ्य विभाग की ओर से इनमें 12 महिलाओं की फाइल मुआवजे के लिए निदेशक परिवार कल्याण को भेज दी गई है। जबकि 12 महिलाओं के मामले में अभी स्थानीय स्तर पर प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। इनकी फाइल भी जल्द निदेशालय भेज दी जाएगी। नसबंदी फेल होने के मामले में बात करने पर डॉक्टरों का कहना है कि कभी-कभी ऑपरेशन के बाद मरीजों की ओर से लापरवाही बरती जाती है इससे नसबंदी फेल होने की आशंका बढ़ जाती है।
नसबंदी के दौरान महिलाओं की एक नस में रिंग डाल कर उसे बंद कर दिया जाता है। नसबंदी होने के बाद कम से कम दो महीने तक शारीरिक संबंध नहीं बनाने चाहिए। अक्सर देखने में आया है कि दो महीने से पहले शारीरिक संबंध बनाने से महिला गर्भवती हो जाती हैं। कुछ मामलों में रिंग सही ढंग से अपनी जगह पर न पहुंचने की वजह से नसबंदी भी फेल हो जाती है। – डॉ. रुचि गुप्ता, जिला महिला अस्पताल