‘‘अस्थिबाधित’’ महिला उम्मीदवार जमकर नाचती दिखी,सिविल सेवा में चयन पर सवाल

राष्ट्रीय
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इंदौर (मध्यप्रदेश): 14 फरवरी (ए) खुद को अस्थिबाधित बताकर दिव्यांग कोटे में जिला आबकारी अधिकारी के पद पर चुनी गई एक महिला उम्मीदवार के जमकर नाचते हुए वीडियो सामने आने के बाद बेरोजगार युवाओं के संगठन ने उसके चयन को लेकर शुक्रवार को सवाल उठाए और गड़बड़ी के आरोप लगाते हुए राज्य सरकार से जांच करने की मांग की।

‘‘नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन’’ की राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य राधे जाट ने एक बयान में कहा कि प्रियंका कदम नामक उम्मीदवार अपने अस्थिबाधित होने का प्रमाणपत्र लगाकर मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) की आयोजित राज्य सेवा परीक्षा 2022 में विकलांग कोटा के तहत शामिल हुई थीं।उन्होंने बताया कि इस परीक्षा के पिछले महीने घोषित परिणाम के मुताबिक प्रियंका का चयन जिला आबकारी अधिकारी के पद पर हुआ है।

जाट ने कहा,‘‘प्रियंका के वीडियो सोशल मीडिया पर प्रसारित हो रहे हैं जिनमें उन्हें जमकर नाचते देखा जा सकता है।’’

उन्होंने एमपीपीएससी की आयोजित सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी के आरोप लगाए और मांग की कि इस परीक्षा में दिव्यांग कोटे से चयनित सभी उम्मीदवारों की भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के विशेषज्ञ चिकित्सकों द्वारा जांच की जानी चाहिए।

जाट ने कहा कि इन उम्मीदवारों की घोषित दिव्यांगता की एम्स के चिकित्सकों द्वारा पुष्टि किए जाने के बाद ही उन्हें सरकारी नियुक्ति दी जानी चाहिए।

सिविल सेवा परीक्षा में गड़बड़ी के आरोपों पर एमपीपीएससी की प्रतिक्रिया कई प्रयासों के बाद भी नहीं मिल सकी है।

इस बीच, प्रियंका ने ’’समाचार एजेंसी’’ से कहा,’सिविल सेवा में मेरे चयन में गड़बड़ी के आरोप गलत हैं। मैं एक सामान्य पृष्ठभूमि से आती हूं और मैंने जीवन में अपने दम पर कड़ा संघर्ष करके मुकाम हासिल किया है।’

उन्होंने कहा कि वर्ष 2017 के दौरान जब वह दिल्ली में संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएसएसी) की परीक्षा की तैयारी कर रही थीं, तब बाथरूम में गिरने से उन्हें कूल्हे की हड्डियों में गंभीर चोट लगी थी और एमआरआई जांच में उन्हें ‘‘एवैस्कुलर नेक्रोसिस’ (एवीएन) नामक बीमारी होने के बारे में पता चला था जिसके बाद उनकी चार बार सर्जरी हो चुकी है। एवैस्कुलर नेक्रोसिस ऐसी बीमारी है जिसमें हड्डियों को रक्त की आपूर्ति में रुकावट के कारण मरीज की हड्डियों के ऊतक मरने लगते हैं।

प्रियंका ने दावा किया कि हड्डियों से जुड़ी समस्या के कारण उन्हें 45 प्रतिशत दिव्यांगता है। उन्होंने कहा,‘‘मैं किसी व्यक्ति को पहली नजर में एक आम महिला की तरह नजर आ सकती हूं, लेकिन जटिल सर्जरी के दौरान लगाए गए इम्प्लांट के कारण ही मैं चल-फिर पाती हूं और चिकित्सकों के सुझाव के मुताबिक पांच से 10 मिनट तक नाच भी सकती हूं। हालांकि, मुझे कई बार दर्द निवारक दवाएं भी लेनी होती हैं।’’

उन्होंने कहा,‘‘मुझे नृत्य का बचपन से शौक रहा है। मेरा मनोबल ऊंचा है और मैं खुद को सकारात्मक रखने के लिए थोड़ा नृत्य कर लेती हूं।’

प्रियंका के मुताबिक वह फिलहाल राज्य सरकार के कोष एवं लेखा विभाग के उज्जैन स्थित संभागीय कार्यालय में सहायक आंतरिक लेखा परीक्षण अधिकारी के रूप में पदस्थ हैं। उन्होंने बताया कि वह राज्य सेवा परीक्षा 2022 में जिला आबकारी अधिकारी के पद पर चुनी गई हैं, हालांकि सरकारी प्रक्रिया जारी रहने के कारण उन्हें अभी इस ओहदे पर नियुक्ति नहीं मिली है।