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कर्मचारियों और आशा कार्यकत्रियों समेत ग्राम प्रधानों को दिवाली का तोहफा, राज्य सरकार ने बढ़ाया मानदेय

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देहरादून,12 अक्टूबर (ए)। उत्तराखंड सरकार ने मंगलवार को उपनल कर्मचारियों, आशा कार्यकत्रियों और ग्राम प्रधानों को दिवाली का तोहफा दिया है। उपनल कर्मचारियों के मानदेय को लेकर दो फार्मूले बनाए गए हैं। दस साल से ज्यादा समय से काम कर रहे कर्मचारियों के तीन हजार तो अन्य के दो हजार रुपये प्रतिमाह मानदेय बढ़ाने का निर्णय लिया गया। वहीं, आशा कार्यकत्रियों को अब अनिवार्य रूप से 6500 तो ग्राम प्रधानों को 3500 रुपये मानदेय मिलेगा। मंगलवार को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह निर्णय लिया गया। कैबिनेट मंत्री व सरकारी प्रवक्ता सुबोध उनियाल ने बताया कि कुल 29 प्रस्तावों में 26 पर मुहर लगी। उपनल कर्मचारियों के मानदेय बढ़ाने को लेकर गठित कैबिनेट सब कमेटी की सिफारिश के बाद सरकार ने मानदेय बढ़ाने की सिफारिश की है। इसके साथ ही अब भविष्य में हर साल उपनल कर्मचारियों का मानदेय नियमित रूप से भी बढ़ेगा। इसके लिए वित्त विभाग को प्रस्ताव बनाने की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उनियाल ने बताया कि आशा कार्यकत्रियों को अभी तक अधिकतम प्रतिमाह 4500 रुपये मानदेय मिलता है। अब इन्हें 6000 रुपये मानदेय दिया जाएगा। इसमें 1000 रुपये मानदेय व पांच सौ रुपये प्रोत्साहन राशि होगी। वहीं, ग्राम प्रधानों को अभी तक 1500 रुपये मानदेय मिल रहा था, जिसे सरकार ने 3500 रुपये प्रतिमाह कर दिया है। कैबिनेट में माध्यमिक शिक्षा में 10 वीं व 12 वीं के साथ ही सभी सरकारी डिग्री कालेजों के छात्र-छात्राओं को मुफ्त टेबलेट देने की मंजूरी कर दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने पिछले दिनों सदन में यह ऐलान भी किया था। इससे लगभग ढ़ाई लाख से अधिक छात्र-छात्राओं को लाभ मिलेगा। प्रदेश के सभी ग्राम सभाओं के अब अपने पंचायत भवन होंगे। सरकार ने ऐसे सभी गांवों में पंचायत भवन बनाने का निर्णय लिया है, जिनमें अभी तक ये नहीं है। पहले चरण में इसके लिए 500 ग्राम सभाएं चिन्हित की गई हैं। इनके निर्माण के लिए 20 करोड़ रुपये रिलीज करने की मंजूरी भी दे दी है।

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