शिवपुरी/ग्वालियर: 28 फरवरी (ए) मध्यप्रदेश के शिवपुरी में पांच वर्षीय एक बच्ची नशे में धुत किशोर द्वारा बलात्कार किए जाने के बाद अपनी जिंदगी के लिए संघर्ष कर रही है। इस दरिंदगी के कारण उसके शरीर पर गंभीर चोटें, खरोंच और काटने के निशान हैं। पीड़िता को 28 टांके लगाने पड़े हैं।
घटना के बारे में पता चलने के बाद इलाके के आक्रोशित निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया। वहीं केंद्रीय मंत्री और पास के गुना क्षेत्र से सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने पीड़िता को “मेरी बेटी” कहा और वादा किया कि अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा।अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संजीव मुले ने शुक्रवार को बताया कि यह भयावह घटना 22 फरवरी को एक विवाह समारोह के दौरान हुई, जब 17 वर्षीय आरोपी बच्ची को एक सुनसान घर में ले गया और उसके साथ बलात्कार किया। आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है।मुले ने बच्ची के साथ हुई क्रूरता के बारे में कहा, “पीड़िता के परिवार ने उसे घर में बेहोश पाया, उसके चेहरे पर खून के धब्बे थे… उसे स्थानीय सरकारी अस्पताल में प्रारंभिक उपचार दिया गया, उसके बाद उसे विशेष देखभाल के लिए ग्वालियर ले जाया गया।”
सरकारी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. आरकेएस धाकड़ ने कहा, “बच्ची को गंभीर हालत में लाया गया था…उसे 28 टांके लगाने पड़े।’’
सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक संदेश में सिंधिया ने कहा कि उन्होंने पीड़िता के परिजनों से फोन पर बात की है और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है।
मंत्री ने कहा कि उन्होंने जिला प्रशासन और शिवपुरी के पुलिस अधीक्षक को सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है, जो इस तरह के अपराधों के खिलाफ निवारक के रूप में काम करेगी।
उन्होंने कहा, “मेरी बेटी अभी अस्पताल में भर्ती है और उसकी हालत स्थिर है। मैं लगातार डॉक्टरों की टीम के संपर्क में हूं। हमारे क्षेत्र और राज्य में इस तरह के अपराधों के लिए कोई जगह नहीं है।”
उन्होंने कहा, “महिलाओं और बेटियों की सुरक्षा हमारी सरकार की पहली प्राथमिकता है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा और बेटी और उसके परिवार को न्याय जरूर मिलेगा। संकट की इस घड़ी में मैं पीड़ित परिवार के साथ खड़ा हूं और उन्हें हरसंभव मदद का आश्वासन देता हूं।’’
मुले ने कहा कि घटना के समय नशे में धुत लड़के को यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण कानून (पोस्को) के प्रावधानों के तहत गिरफ्तार किया गया है।
प्रदर्शन कर रहे कई निवासियों ने कहा कि सरकार को मामले में अनुकरणीय कार्रवाई करनी चाहिए ताकि कोई भी ऐसा जघन्य अपराध करने की हिम्मत नहीं करे।