रूस-यूक्रेन युद्ध का प्रभाव: गेहूं 44 रुपये तो सरसों तेल 250 के पार, इन शहरों में जीना मुहाल

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नई दिल्ली, 13 मार्च (ए)।रूस-यूक्रेन युद्ध के 17 दिन बाद भी खत्म होने के आसार नहीं दिख रहे हैं। उधर रूस यूक्रेन के शहरों को भीषण बमबारी कर तबाह कर रहा है तो भारत में महंगाई बम आपके किचन के बजट को झटका दे दिया है। हो सकता है आपके शहर में गेहूं 20-25 रुपये किलो मिल रहा हो, सरसों तेल 200-220 रुपये लीटर के नीचे हो, दालें सस्ती हों पर अपने ही देश में कई ऐसे शहर हैं, जहां शुक्रवार को गेहूं का फुटकर भाव 44 रुपये किलो पर पहुंच गया। यह हम नहीं बल्कि खुद केंद्र सरकार के आंकड़े कह रहे हैं।
उपभोक्ता मंत्रालय की वेबसाइट पर दिए आवश्यक वस्तुओं के खुदरा भाव के आंकड़े आपको मायूस कर सकते हैं। शुक्रवार 11 मार्च को बरेली में  सामान्य चावल 60 रुपये किलो था तो तुरा में 22 रुपये। राहुल गांधी केरल के जिस संसदीय क्षेत्र वायनाड से चुनकर आते हैं, वहां शुक्रवार को एक किलो गेहूं के लिए 44 रुपये चुकाने पड़े। हालांकि सबसे सस्ता गेहूं 17 रुपये मालदा में था। बगर गेहूं के आटे की बात करें तो देश में सबसे महंगा आटा 55 रुपये किलो देवनगिरि में तो सबसे सस्ता 21 रुपये पुरुलिया में है।