प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ ‘अपमानजनक’ टिप्पणी पर निर्वाचन आयोग ने आप को कारण बताओ नोटिस जारी किया

राष्ट्रीय
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नयी दिल्ली, 14 नवंबर (ए) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ आम आदमी पार्टी के ‘सोशल मीडिया हैंडल’ पर की गई कथित ‘अपमानजनक’ टिप्पणी के लिए निर्वाचन आयोग ने मंगलवार को ‘आप’ को कारण बताओ नोटिस जारी किया। आयोग ने आम आदमी पार्टी (आप) को 16 नवंबर तक आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के आरोप का जवाब देने के लिए कहा है। .

दिल्ली और पंजाब में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को नोटिस जारी किया गया है।भाजपा ने 10 नवंबर को निर्वाचन आयोग से संपर्क करके प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को निशाना बनाते हुए सोशल मीडिया मंच पर ‘बेहद अस्वीकार्य’ और ‘अनैतिक’ वीडियो क्लिप और टिप्पणियां पोस्ट करने के लिए आप के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।

आप ने पिछले बुधवार को सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर उद्योगपति गौतम अडाणी और प्रधानमंत्री मोदी की एक वीडियो स्टोरी पोस्ट की थी। अगले दिन पार्टी ने अडाणी और मोदी की तस्वीर पोस्ट की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री लोगों के लिए नहीं, बल्कि उद्योगपति के लिए काम करते हैं।

केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी और राज्यसभा सदस्य अनिल बलूनी और पार्टी नेता ओम पाठक सहित भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने इस मुद्दे पर निर्वाचन आयोग से संपर्क किया।

निर्वाचन आयोग के समक्ष मुद्दा उठाने के बाद पुरी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपने आधिकारिक हैंडल से आप ने ‘एक्स’ पर एक वीडियो और दो अन्य सामग्री पोस्ट की, जिसमें उन्होंने लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार के मुखिया के बारे में बहुत अस्वीकार्य, निंदनीय, शरारतपूर्ण और अनैतिक बातें कही हैं।’’

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि सोशल मीडिया पर किये गए इन पोस्ट में कहा जा रहा है कि लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित एक नेता, जो प्रधानमंत्री भी है, किसी व्यक्ति का वेतनभोगी कर्मचारी है। उन्होंने कहा कि आप का यह कृत्य राजनीति में नया निम्न स्तर है।

आप को जारी नोटिस में निर्वाचन आयोग ने कहा कि आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक को एक अन्य राष्ट्रीय पार्टी के स्टार प्रचारक और उस राजनीतिक पार्टी के खिलाफ कथित तौर पर सोशल मीडिया पोस्ट में दिए गए बयानों/आरोपों/कथनों पर स्पष्टीकरण देने के लिए कहा गया है। आयोग ने केजरीवाल से पूछा है कि आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन के लिए उनके खिलाफ उचित कार्रवाई क्यों नहीं की जानी चाहिए।

आयोग ने कहा, ‘‘निर्धारित समय के भीतर आपकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने की स्थिति में, यह माना जाएगा कि आपको इस मामले में कुछ नहीं कहना है और निर्वाचन आयोग इस मामले में उचित कार्रवाई या फैसला करेगा। ’