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फडणवीस ने तीसरी बार थामी महाराष्ट्र की कमान; शिंदे, अजित ने ली उपमुख्यमंत्री पद की शपथ

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मुंबई: पांच दिसंबर (ए) सत्ता में दमदार वापसी करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने बृहस्पतिवार शाम को दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में एक भव्य समारोह में तीसरी बार महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत ‘महायुति’ गठबंधन के नेताओं एकनाथ शिंदे और अजित पवार को भी उपमुख्यमंत्री पद की शपथ दिलायी गयी।समारोह के तुरंत बाद, फडणवीस, शिंदे और पवार एक साथ दक्षिण मुंबई में स्थित राज्य सचिवालय मंत्रालय पहुंचे, जहां मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल बैठक की अध्यक्षता की और एक प्रेस वार्ता को संबोधित किया।प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, कई केंद्रीय मंत्रियों और विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों के अलावा भाजपा नीत ‘महायुति’ के हजारों समर्थक शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए। यह समारोह 23 नवंबर को विधानसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने के करीब दो सप्ताह बाद आजाद मैदान में आयोजित किया गया।

किसी अन्य मंत्री को शपथ नहीं दिलाई गई। भाजपा के एक नेता ने बताया कि मंत्रिपरिषद का विस्तार अगले सप्ताह नागपुर में राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले किया जाएगा.शपथ ग्रहण समारोह के अवसर पर केंद्रीय मंत्री अमित शाह, जे पी नड्डा, राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी और शिवराज सिंह चौहान मौजूद थे। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) शासित विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी कार्यक्रम में आए, जिनमें योगी आदित्यनाथ, नीतीश कुमार, हिमंत विश्व शर्मा, मोहन यादव और प्रमोद सावंत शामिल थे।समारोह में अभिनेता शाहरुख खान, सलमान खान, रणबीर कपूर, अभिनेत्री माधुरी दीक्षित, पूर्व क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर तथा उद्योगपति मुकेश अंबानी भी मौजूद थे।

नागपुर दक्षिण पश्चिम निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित फडणवीस (54) को राज्यपाल सी पी राधाकृष्णन ने पद एवं गोपनीयता की शपथ दिलाई। राज्यपाल ने शिंदे (60) और पवार (65) को भी पद की शपथ दिलाई।

फडणवीस ने कार्यभार संभालने के बाद पहली फाइल पर हस्ताक्षर करते हुए अस्थि मज्जा प्रतिरोपण की प्रतीक्षा कर रहे एक मरीज को पांच लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी।

पुणे के निवासी चंद्रकांत कुरहाडे की पत्नी ने अपने पति के इलाज के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से मदद मांगी थी। मुख्यमंत्री ने मंत्रिमंडल की पहली बैठक की अध्यक्षता करने से पहले फाइल पर अपने हस्ताक्षर किए।

फडणवीस ने मंत्रालय में संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमारी सरकार लोगों के कल्याण के लिए पारदर्शिता के साथ काम करेगी।’’ विधानसभा में विपक्षी महा विकास आघाडी (एमवीए) के सदस्यों की कम संख्या होने का जिक्र करते हुए फडणवीस ने कहा, ‘‘हम बदले की राजनीति में शामिल नहीं होना चाहते।’’

फडणवीस ने राज्य में ‘‘राजनीतिक संस्कृति में आमूलचूल परिवर्तन’’ का भी आह्वान किया। उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह के लिए शरद पवार और उद्धव ठाकरे जैसे प्रमुख वरिष्ठ नेताओं को दिए गए निमंत्रण का जिक्र करते हुए कहा कि राजनीतिक संवाद होना चाहिए। उद्धव और शरद इस समारोह में शामिल नहीं हुए।

राज्य मंत्रिमंडल ने शाम को हुई अपनी पहली बैठक में राज्यपाल से सिफारिश की कि नये विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा सत्र सात से नौ दिसंबर तक आयोजित किया जाए तथा सत्र के अंतिम दिन विधानसभा अध्यक्ष का चुनाव कराया जाए।

फडणवीस के तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने से पूर्व उनकी बैंकर और गायिका पत्नी अमृता ने इसे ‘‘खूबसूरत दिन’’ बताया। उन्होंने कहा, ‘‘यह खुशी का अवसर है और जिम्मेदारी का एहसास बढ़ गया है।’’

महाराष्ट्र की 288 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा के 132 सीट जीतने के साथ ही फडणवीस मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार बनकर उभरे थे। ‘महायुति’ के घटक दलों-भाजपा, शिवसेना और राकांपा के पास विधानसभा में कुल मिलाकर 230 सीट हैं।

फडणवीस को सर्वसम्मति से राज्य भाजपा विधायक दल का नेता चुने जाने के तुरंत बाद ‘महायुति’ के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राजभवन में राज्यपाल से मुलाकात की।

मुलाकात के ठीक बाद राजभवन में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में शिंदे ने कहा था, “मुझे खुशी है कि करीब ढाई साल पहले इसी जगह पर फडणवीस ने मेरे नाम की सिफारिश की थी कि मुझे मुख्यमंत्री बनना चाहिए। अब हमने शिवसेना की ओर से फडणवीस को मुख्यमंत्री बनाने की सिफारिश की है। यह सरकार स्वस्थ माहौल में बन रही है। मैं देवेंद्र जी को बधाई और शुभकामनाएं देता हूं।”इससे पहले फडणवीस 2014 से 2019 तक भाजपा-शिवसेना सरकार का नेतृत्व कर चुके हैं। 2019 के चुनावों के बाद, जब उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली तत्कालीन शिवसेना ने मुख्यमंत्री पद को लेकर भाजपा से नाता तोड़ लिया था तो फडणवीस ने फिर से शपथ ली और अजित पवार उपमुख्यमंत्री बनाए गए।

हालांकि, राकांपा विधायकों से पर्याप्त समर्थन हासिल करने में अजित पवार की विफलता के कारण वह सरकार केवल 72 घंटे ही चल पाई। 2022 में शिवसेना में विभाजन के बाद, फडणवीस शिंदे के नेतृत्व वाली महायुति सरकार में उपमुख्यमंत्री बने।

समारोह के संबंध में एक अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने बृहस्पतिवार को शपथग्रहण कार्यक्रम में शामिल होने वाले 40,000 से अधिक पार्टी समर्थकों के लिए विशेष व्यवस्था की थी तथा लगभग 2,000 गणमान्य लोगों के लिए अलग से बैठने की व्यवस्था की गई।

अधिकारी ने बताया कि शपथग्रहण समारोह के दौरान सुरक्षा के लिए 4,000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। उन्होंने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए कम से कम 3,500 पुलिसकर्मी और 520 अधिकारी तैनात किए गए थे।

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