नई दिल्ली, 28 जनवरी (ए)। भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत अनशन पर बैठ गए हैं। उन्होंने पुलिस के सामने समर्पण करने से मना कर दिया है। भाकियू (असली, अराजनैतिक) के प्रमुख चौधरी हरपाल सिंह का कहना है कि सरकार चाहे जितना दमन कर ले, लेकिन वह कानून वापस होने के बाद ही आंदोलन समाप्त करेंगे। ओमवीर चौधरी कहते हैं कि कई बार उन्होंने किसानों की मांग और प्रदर्शन में लाठियां खाई हैं। एक बार और सही। कुल मिलाकर गाजीपुर बार्डर पर टकराव की स्थिति बन गई है। दूसरी ओर गाजीपुर बार्डर पर तूफान से पहले की खामोशी साफ दिखाई दे रही है। गाजीपुर बार्डर पर जहां किसानों की संख्या काफी घटी है, वहीं किसान संगठनों के नेता अपने आंदोलन को बिना किसी नतीजे के खत्म करने के लिए तैयार नहीं हैं। इसके सामानांतर दिल्ली पुलिस ने गाजीपुर बार्डर के पास जबरदस्त किलेबंदी की है। वज्रवाहन, पुलिस की तमाम बसें, पुलिस की कई कंपनियां तैनात हैं। सूत्रों ने बताया कि
इसके साथ ही रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) और अर्ध सैनिक बलों की कंपनियां भी तैनात कर दी गई हैं। इसके अलावा उत्तर प्रदेश पुलिस भी गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों पर लगातार दबाव बढ़ा रही है। गाजियाबाद में धारा 144 लागू हो चुकी है। पीएसी के जवान भी बार्डर पर पहुंच चुके हैं। कुल मिलाकर सरकार का साफ संकेत है कि अगर किसान संगठनों ने धरना प्रदर्शन स्थल खाली नहीं किया तो पुलिस बल के प्रयोग से उन्हें हटाया जाएगा।
टिकैत ने पुलिस अधिकारियों से बातचीत के बाद रोते हुए कहा कि वह यहां से हटने वाले नहीं हैं। वह गोली खाने, लाठी खाने के लिए तैयार हैं, लेकिन वह यहां से हटने वाले नहीं है। निरीह किसानों के साथ वह केंद्र सरकार का यह अन्याय नहीं देख सकते। राकेश टिकैत ने आत्महत्या करने की भी धमकी दे दी है।