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एफडीए ने आयुर्वेदिक दवा कंपनी पर छापा मारा, तीन लाख रुपये की दवाइयां जब्त

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पालघर: 13 जनवरी (ए) महाराष्ट्र सरकार के खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने सोमवार को बताया कि उसने पालघर जिले में एक आयुर्वेदिक उत्पाद निर्माण कंपनी के परिसर पर छापेमारी कर मानदंडों के उल्लंघन का पता लगाया है। एफडीए ने एक बयान में कहा कि उसके अधिकारियों ने आठ जनवरी को जिले में वाडा तालुका के धाकीवली गांव में ‘शीतल मेडिकेयर प्रोडक्ट्स प्राइवेट’ नामक कंपनी के परिसर पर छापेमारी कर 3,09,023 रुपये मूल्य की आयुर्वेदिक दवाएं जब्त कीं।

एफडीए ने बताया कि जब्त उत्पाद औषधि एवं चमत्कारिक उपचार (आपत्तिजनक विज्ञापन) अधिनियम, 1954 की धारा तीन (डी) का उल्लंघन कर रहे थे। यह कानून गुमराह करने वाली दवाओं के बारे में आपत्तिजनक दावों और विज्ञापनों पर रोक लगाता है।

बयान में कहा गया है कि पालघर के औषधि निरीक्षकों ने आगे की जांच के लिए कंपनी से नमूने लिये ताकि इस बात की परख की जा सके कि विनिर्माण और सुरक्षा मानकों का अनुपालन किया जा रहा है।

एफडीए ने संकेत दिया कि इन नमूनों की गहन जांच की जाएगी और परिणाम के आधार पर कानूनी कार्रवाई की जायेगी।

यह अधिनियम भ्रामक विज्ञापनों के माध्यम से दवाओं और उपचारों को बढ़ावा देने पर रोक लगाने के लिए बनाया गया है, जिनमें बीमारियों को ठीक करने या शारीरिक विशेषताओं को बढ़ाने के बारे में झूठे दावे किये जाते हैं। ऐसे उल्लंघनों पर जुर्माना और कारावास समेत कठोर दंड का प्रावधान है।

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