रायबरेली (उप्र), पांच अप्रैल (ए) समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की उपस्थिति में एक सार्वजनिक कार्यक्रम के दौरान हिंदुओं की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले नारे लगाने के आरोप में पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गयी है। पुलिस ने इसकी जानकारी दी। बसपा अध्यक्ष मायावती ने स्वामी प्रसाद के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ‘‘सपा प्रमुख की मौजूदगी में ‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गए जय श्रीराम’ नारे को लेकर रामचरित मानस विवाद वाले सपा नेता पर मुकदमा होने की खबर आज सुर्खि़यों में है। वास्तव में उप्र के विकास व जनहित के बजाय जातिवादी द्वेष एवं अनर्गल मुद्दों की राजनीति करना सपा का स्वभाव रहा है।’’ पुलिस क्षेत्राधिकारी नगर वंदना सिंह ने बताया कि पुलिस को दी गई शिकायत के आधार पर मंगलवार को स्वामी प्रसाद के खिलाफ भादसं की धारा 295-ए (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से उसके धर्म या धार्मिक विश्वासों का अपमान करना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।.
सोमवार को स्वामी प्रसाद मौर्य उस कार्यक्रम में शामिल हुए थे जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ऊंचाहार में बसपा संस्थापक कांशीराम की प्रतिमा का अनावरण किया था।.
पुलिस के मुताबिक शहर के महानंदपुर निवासी मारुत त्रिपाठी ने शहर कोतवाली पुलिस को तहरीर देकर बताया कि तीन अप्रैल को इंटरनेट पर वायरल एक वीडियो में सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा था ‘मिले मुलायम-कांशीराम, हवा में उड़ गये जय श्रीराम’। त्रिपाठी ने बताया कि इसमें सभी सनातनी समाज को आहत करने वाले एवं धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले वक्तव्य का प्रयोग किया गया जिससे समाज की सामाजिक सद्भावना बिगड़ जाएगी।
पुलिस ने कहा कि शिकायत में कहा गया है कि इससे समाज का सामाजिक सौहार्द बिगड़ेगा। पुलिस ने बताया कि इस संबंध में स्वामी प्रसाद मौर्य के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। विधानपरिषद सदस्य स्वामी प्रसाद मौर्य रायबरेली में उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, प्राथमिकी का कोई कारण नहीं है, फिर भी उन्होंने इसे मेरे खिलाफ दर्ज किया है और अब मैं अपने कानूनी विकल्पों का पता लगाऊंगा। मैं इसे राजनीतिक मुद्दा नहीं बनाना चाहता, लेकिन सरकार आजकल दुश्मनी के साथ काम कर रही है।
स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जब उन्होंने महिलाओं, पिछड़ों और दलितों के अधिकारों की बात की तो कुछ लोगों ने धर्म के नाम पर उनके खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी की और उन्हें गंभीर परिणाम भुगतने की धमकी भी दी उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ने मेरी हत्या के लिए सुपारी दी जबकि किसी ने तलवार लहराते हुए कहा कि मैं स्वामी प्रसाद मौर्य को मार दूंगा, लेकिन उन सभी के खिलाफ आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई।’’
इस साल की शुरुआत में राज्य के एक प्रमुख ओबीसी नेता मौर्य ने यह आरोप लगाकर एक बड़ा विवाद खड़ा कर दिया था कि रामचरितमानस के कुछ छंद जाति के आधार पर समाज के एक बड़े वर्ग का अपमान करते हैं और उन्होंने मांग की थी कि इन पर प्रतिबंध लगाया जाए। मुख्यमंत्री के रूप में योगी आदित्यनाथ के पहले कार्यकाल में मंत्री रहे मौर्य 2022 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले समाजवादी पार्टी में चले गए थे। इससे पहले वह बसपा में भी थे।