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नार्को-टेरर’ गिरोह से जुड़े पांच पुलिसकर्मी और शिक्षक बर्खास्त

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श्रीनगर: तीन अगस्त (ए) जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने शनिवार को पांच पुलिसकर्मियों समेत छह सरकारी कर्मचारियों को ‘‘राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता’’ के आरोप में बर्खास्त कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।

अधिकारियों ने बताया कि जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने संविधान के अनुच्छेद 311(2)(सी) का इस्तेमाल कर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया।राष्ट्रपति या राज्यपाल को अगर लगता है कि जनसेवा में व्यक्ति का बने रहना राज्य की सुरक्षा के लिए हानिकारक है तो वह अनुच्छेद के प्रावधान ‘सी’ के तहत, जैसा भी मामला हो, किसी कर्मचारी को सामान्य प्रक्रिया का अनुपालन किए बिना बर्खास्त करने का अधिकार रखते हैं।एक अधिकारी ने कहा, ‘‘सरकार ने आज पांच पुलिसकर्मी और एक सरकारी शिक्षक को राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में संलिप्तता के लिए बर्खास्त कर दिया।’’

उन्होंने बताया कि उनकी गतिविधियां के बारे में कानून प्रवर्तन और खुफिया एजेंसियों ने पता लगाया। उन्होंने पाया कि राज्य के हितों को क्षति पहुंचाने वाली गतिविधियों में उनकी ‘‘गहरी संलिप्तता’’ थी, जो आतंकवाद से संबंधित गतिविधियों से उनके जुड़े होने का सबूत है।

अधिकारियों ने बताया कि बर्खास्त कर्मचारियों में हेड कांस्टेबल फारूक अहमद शेख, कांस्टेबल सैफ दीन, खालिद हुसैन शाह और इरशाद अहमद चालकू, कांस्टेबल रहमत शाह और शिक्षक नजम दीन का नाम शामिल है।

अधिकारियों ने कहा कि जांच से पता चला है कि ये कर्मचारी पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) और पाकिस्तान से संचालित आतंकी समूहों के ‘नार्को-टेरर’ गिरोह से जुड़े हुए थे।

उन्होंने दावा किया कि अपराध से अर्जित आय का उपयोग ‘‘जम्मू-कश्मीर को अस्थिर करने की विरोधी एजेंसी की बड़ी साजिश’’ के लिए किया जाना था।

अधिकारियों ने बताया कि शेख, खालिद शाह और रहमत शाह ने पाकिस्तान में मौजूद आतंकवादियों के साथ संपर्क बना लिया था।

उन्होंने कहा, ‘‘वे पाकिस्तान से मादक पदार्थों की तस्करी करते थे और इस अपराध से अर्जित आय का उपयोग अशांति को बढ़ावा देने के साथ-साथ आतंकवादी गतिविधियों को वित्तपोषित करने के लिए किया जाता था।’’

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