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महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा दिया

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मुंबई: 12 फरवरी (ए) लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस को झटका देते हुए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण ने सोमवार को पार्टी से इस्तीफा दे दिया।ऐसी अटकलें हैं कि वह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो सकते हैं।

महाराष्ट्र कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं बाबा सिद्दीकी और मिलिंद देवड़ा के पार्टी छोड़ने के कुछ दिनों बाद चव्हाण ने कांग्रेस से इस्तीफा देने का कदम उठाया है।

चव्हाण या भाजपा की ओर से उन खबरों की कोई पुष्टि नहीं की गई है कि 65 वर्षीय नेता को आगामी राज्यसभा चुनाव के लिए मैदान में उतारा जाएगा।

चव्हाण के भाजपा में शामिल होने की चर्चा के बीच महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने संवाददाताओं से कहा, “आगे-आगे देखो होता है क्या।”

चव्हाण ने कहा कि कांग्रेस छोड़ने का फैसला उनका निजी फैसला है और वह एक या दो दिन में अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे। उन्होंने कहा, “मैंने अभी तक भाजपा में शामिल होने का कोई फैसला नहीं किया है।” प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को लिखे एक पत्र में चव्हाण ने कहा कि वह पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर को भी विधायक के रूप में अपना इस्तीफा सौंपा।

चव्हाण ने यहां संवाददाताओं से कहा, “मैं कांग्रेस पार्टी में होने वाली किसी भी बात को लेकर सार्वजनिक मंच पर चर्चा नहीं करने जा रहा हूं।”

यह पूछे जाने पर कि क्या वह भाजपा में शामिल होंगे, चव्हाण ने कहा, “मैंने भाजपा में शामिल होने पर अभी तक कोई निर्णय नहीं लिया है, भाजपा की कार्य प्रणाली के बारे में नहीं जानता।”

उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस छोड़ने का उनका फैसला निजी है और वह इसके लिए कोई कारण नहीं बताना चाहते।

चव्हाण ने उन दावों का भी खंडन किया कि संसद में पेश किए गए श्वेत पत्र ने उन्हें कांग्रेस से इस्तीफा देने के लिए प्रेरित किया।

श्वेत पत्र में मुंबई में एक आवासीय सोसाइटी से संबंधित आदर्श सोसाइटी घोटाले का उल्लेख किया गया है, जिसके कारण चव्हाण को 2010 में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में पद छोड़ना पड़ा था।

पिछले कुछ महीनों से ऐसी खबरें आ रही थीं कि चव्हाण कांग्रेस छोड़ देंगे, इसलिए उनके इस्तीफे की खबर राज्य के पार्टी नेताओं के लिए पूरी तरह से आश्चर्यचकित करने वाली नहीं थी।

पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा, “मतदाता उन लोगों को सबक सिखाएंगे जिन्होंने उन्हें छोड़ दिया।” वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि वह उस मजबूरी से अनजान थे जिसके कारण अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़ी।

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण फैसला है। कभी नहीं सोचा था कि उनके जैसा व्यक्ति ऐसा कदम उठाएगा।’’

चव्हाण मराठवाड़ा क्षेत्र के नांदेड़ जिले के रहने वाले हैं। उनके पिता दिवंगत शंकरराव चव्हाण भी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री थे।

अशोक चव्हाण के कांग्रेस से इस्तीफे की घोषणा के बाद महाराष्ट्र कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले दिल्ली पहुंचे।

कांग्रेस नेता जयरा रमेश ने अशोक चव्हाण का नाम लिए बिना कहा, ‘‘इन विश्वासघातियों को इस बात का अहसास नहीं है कि उनके बाहर निकलने से उन लोगों के लिए बड़े पैमाने पर नए अवसर खुलेंगे जिनके विकास को उन्होंने हमेशा अवरुद्ध किया।’’

उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “जब मित्र और सहकर्मी उस राजनीतिक दल को छोड़ देते हैं जिसने उन्हें बहुत कुछ दिया है – शायद उससे भी अधिक जिसके वे हकदार थे, तो यह हमेशा पीड़ा का विषय होता है। लेकिन जो लोग असुरक्षित महसूस करते हैं, उनके लिए वह ‘वॉशिंग मशीन’ हमेशा वैचारिक प्रतिबद्धता या व्यक्तिगत वफादारी से अधिक आकर्षक साबित होगी।”

चव्हाण के इस्तीफे के बारे में पूछे जाने पर सुप्रिया ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘आज विपक्ष की राजनीति करना बहुत मुश्किल है, आज सरकार की आंख में आंख में डालकर यह बोलना बहुत मुश्किल है कि आपका सारा फर्जीवाड़ा (आंकड़ों का) गलत है, आपका ‘श्वेत पत्र’ गलत है। किसी के ऊपर जांच एजेंसी का दबाव है, किसी पर प्रलोभन होता है और किसी के ऊपर अन्य तरह का दबाव बनाया जाता है।’’

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता कांग्रेस के विजय वडेट्टीवार ने अपने भी पाला बदलने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि उनकी कांग्रेस छोड़ने की कोई योजना नहीं है।

उन्होंने कहा, “मैं 2006 से अशोक चव्हाण के साथ काम कर रहा हूं और उनके मंत्रिमंडल में दो बार मंत्री रहा हूं। उन्होंने मुझसे कोई चर्चा नहीं की। हमें इसका कारण नहीं पता। लेकिन जिस तरह से भाजपा पार्टियों को तोड़ रही है, यह लोगों को पसंद नहीं आया है और इस चुनाव में वे इसका करारा जवाब देंगे।”

वंचित बहुजन अघाडी के अध्यक्ष प्रकाश आंबेडकर ने कहा कि भाजपा को तोड़-फोड़ (पार्टियों को तोड़ने) की राजनीति करने की भारी कीमत चुकानी पड़ेगी।

उन्होंने कहा, “ऐसी राजनीति हमने पिछले सात दशकों में कभी नहीं देखी। अब हम राज्य में अनिश्चितता और अभूतपूर्व राजनीति देख रहे हैं। मराठी मानुस ऐसी राजनीति का समर्थन नहीं करता।”

शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने सोमवार को कहा कि अशोक चव्हाण का कांग्रेस छोड़ना एक बेटे का अपनी मां को छोड़ने जैसा है।

राउत ने कहा, “इस बात पर यकीन करना मुश्किल है कि अशोक चव्हाण भाजपा में शामिल हो गए हैं। वह कल तक हमारे साथ थे और चर्चा कर रहे थे। क्या एकनाथ शिंदे और अजित पवार की तरह अब चव्हाण भी कांग्रेस पर दावा ठोकेंगे और उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह मिलेगा। हमारे देश में कुछ भी हो सकता है।”

महाराष्ट्र कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे ने कहा,“ यह ‘पार्टी विद डिफरेंस’ के लिए आदर्श मोड़ है। आगामी चुनाव में जनता भाजपा को करारा जवाब देगी।”

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