जयपुर, 29 मई (ए) राजस्थान उच्च न्यायालय ने वर्ष 2008 में जयपुर के विभिन्न इलाकों में हुए सिलसिलेवार धमाकों के मामले में निचली अदालत का फैसला पलटते हुए चार आरोपियों को बुधवार को बरी कर दिया।.
शहर की एक अदालत ने इस मामले में चार आरोपियों को 2019 में फांसी की सजा सुनाई थी।.इसके साथ ही अदालत ने साक्ष्यों की कड़ियां जोड़ने में ‘घटिया और कमजोर’ जांच के लिए भी जांच एजेंसी को फटकार लगाई।
उल्लेखनीय है कि राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को शाम 15 मिनट में सिलसिलेवार आठ बम धमाके हुए थे। इन धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक घायल हुए थे।
राजस्थान की एक विशेष अदालत ने 18 दिसंबर 2019 को इस मामले में आरोपी मोहम्मद सरवर आजमी, मोहम्मद सैफ, मोहम्मद सलमान और सैफुर्रहमान को दोषी माना जबकि शाहबाज हुसैन को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त करार दिया।
राज्य सरकार ने शाहबाज हुसैन को बरी किए जाने के फैसले को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी। वहीं, चारों ने सजा के खिलाफ अपील दायर की थी।
न्यायमूर्ति पंकज भंडारी और न्यायमूर्ति समीर जैन की खंडपीठ ने बुधवार को चारों को बरी करने का फैसला सुनाया। अदालत ने अपने आदेश में निचली अदालत द्वारा पांचवें व्यक्ति- शाहबाज हुसैन को बरी करने की भी पुष्टि की।
राजस्थान की राजधानी जयपुर में 13 मई 2008 को शाम लगभग सवा सात बजे 15 मिनट में सिलसिलेवार आठ बम धमाके हुए थे। लगभग 11 साल पहले हुए इन आठ सिलसिलेवार बम धमाकों ने जयपुर के परकोटे शहर को हिला दिया था। इन धमाकों में कम से कम 71 लोगों की मौत हुई थी और 180 से अधिक लोग घायल हुए थे।
पहला धमाका चांदपोल हनुमान मंदिर और उसके बाद दूसरा सांगानेरी गेट हनुमान मंदिर पर हुआ था। इसके बाद बड़ी चौपड़, जोहरी बाजार, छोटी चौपड़ और तीन अन्य स्थानों पर धमाके हुए थे। बम धमाके के बाद राज्य सरकार की सिफारिश पर उच्च न्यायायल ने मामले की सुनवाई के लिए विशेष अदालत गठित की थी।