लखनऊ,23 सितम्बर (ए)। यूपी से एक ऐसी खबर सामने आई है जो हैरान करने वाली हैं।यह जानकारी देते हुए पुलिस सूत्रों ने बताया कि राजेश से सोनिया बने युवक की तर्ज पर अब यूपी की चार महिला सिपाही अपना जेंडर बदलवाना चाहती हैं। चारों महिला सिपाहियों ने पुरुष बनने के लिए डीजी ऑफिस में अर्जी देकर जेंडर चेंज करवाने की अनुमति मांगी है। जिसने भी ये खबर सुनी है वह हैरान-परेशान रह गया। पुलिस महकमा भी महिला सिपाहियों की इस अर्जी को पढ़कर सन्न रह गया । सूत्रों ने बताया कि इतना ही नहीं एक महिला सिपाही को जेंडर बदलवाने के लिए हाईकोर्ट तक पहुंचने की खबर है। हाईकोर्ट ने महिला सिपाही के आवेदन को संवैधानिक अधिकार भी बताया है। सूत्रों ने बताया कि गोरखपुर, गोंडा, सीतापुर और अयोध्या में तैनात महिला सिपाहियों ने पुरुष बनने की इच्छा जताई है। चारों जिलों में तैनात महिलाओं ने डीजी ऑफिस में अर्जी देकर जेंडर बदलवाने के लिए अनुमति भी मांगी है। महिलाओं की अर्जी जब उच्चाधिकारियों के पास पहुंची तो वह भी हैरान-परेशान रह गए। महिला सिपाहियों की अर्जी को देखते हुए चारों जिलों में पुलिस अधीक्षकों को डीजी ऑफिस की ओर से लेटर लिखकर उनकी काउंसलिंग कराने के लिए कहा गया है। गोरखपुर जिले की एलआईयू में तैनात एक महिला सिपाही ने बताया कि डीजी ऑफिस में प्रार्थना पत्र दिया है। मुझे बुलाकर पूछा भी गया है कि मेरा जेंडर डिस्फोरिया है। इसका सर्टिफिकेट भी आवेदन में लगाया है। महिला सिपाही ने बताया कि अभी लखनऊ मुख्यालय से कोई फैसला नहीं आया है। महिला सिपाही ने बताया कि अगर कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिलता है वह जेंडर चेंज कराने के लिए हाईकोर्ट तक जाएंगी। अयोध्या की रहने वाली एक महिला सिपाही ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि उनका यूपी पुलिस में 2019 में सेलेक्शन हुआ था। उनकी पहली तैनाती गोरखपुर थी। लिंग में परिवर्तन के लिए वह फरवरी से दौड़ रही हैं। महिला सिपाही ने बताया के गोरखपुर में वह एसएसपी, एडीजी फिर डीजी मुख्यालय तक जा चुकी हैं। पुरुष बनने के सवाल पर महिला सिपाही ने बताया कि पढ़ाई के दौरान ही उनका हार्मोंस चेंज होने लगा था। इसके बाद से ही उनका जेंडर बदलवाने की इच्छा होने लगी। उसने बताया कि सबसे पहले उन्होंने दिल्ली में एक बड़े डॉक्टर से कई चरणों में काउंसिलिंग करवाई थी। डॉक्टर ने जांच पड़ताल के बाद उनका जेंडर डिस्फोरिया बताया है। डॉक्टर की रिपोर्ट के आधार पर ही उन्होंने लिंग बदलवाने के की अनुमति मांगी है। अयोध्या की रहने वाली महिला सिपाही ने बताया कि उनका स्टाइल पुरुष जैसा है। वह बाल और पहनावे को भी पुरुषों की तरह ही रखती हैं। बाइक से चलती हैं। पैंट-शर्ट पहनकर ऑफिस जाती हैं। वह बताती हैं कि जब स्कूल जाती थीं तो उन्हें लड़कियों की तरह काम करना अटपटा लगता था। स्कूल में उनकी चाल-ढाल की वजह से कई लोग उन्हें लड़का कहते थे जो उन्हें खूब अच्छा लगता था। अयोध्या की महिला सिपाही की तरह सीतापुर, गोंडा और गोरखपुर की महिला सिपाही भी अपना जेंडर बदलवना चाहती हैं। तीनों महिला सिपाहियों ने बताया कि वह भी लिंग परिवर्तन करवाने के लिए हाईकोर्ट का रुख करेंगी। दरअसल अयोध्या की महिला सिपाही ने हाईकोर्ट में लिंग परिवर्तन के लिए अर्जी दी थी, जिस पर हाईकोर्ट ने महिला सिपाही के पक्ष में ही फैसला सुनाया था। हाईकोर्ट ने कहा था कि लिंक परिवर्तन कराना संवैधानिक अधिकार है। अगर आधुनिक समाज में किसी व्यक्ति को अपनी पहचान बदलने के लिए अधिकार से वंचित करते हैं या स्वीकार नहीं करते हैं तो हम सिर्फ लिंग पहचान विकार सिंड्रोम को प्रोत्साहित करेंगे। हाईकोर्ट ने यूपी के डीजीपी को महिला कांस्टेबल के आवेदन को निस्तारित करने का निर्देश भी दिया है।