रांची: छह जनवरी (ए) झारखंड उच्च न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक (होमगार्ड) अनिल पाल्टा के सोमवार को अवमानना याचिका की सुनवाई में उपस्थित न होने पर नाखुशी जताई और उन्हें आठ जनवरी को अदालत में उपस्थित रहने का निर्देश दिया।
अदालत ‘झारखंड होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन’ के प्रदेश उपाध्यक्ष अजय प्रसाद द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिन्होंने पहले एक रिट याचिका दायर कर होमगार्ड के लिए समान वेतन और लाभ की मांग की थी, जो समान ड्यूटी करने वाले पुलिस कांस्टेबलों को प्रदान किए जाते हैं।
उच्च न्यायालय ने 25 अगस्त, 2017 को एक ऐतिहासिक फैसले में सरकार को होमगार्ड के लिए समान वेतन सुनिश्चित करने का आदेश दिया। हालांकि, सरकार ने इस फैसले को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी, जिसने उच्च न्यायालय के आदेश को बरकरार रखा। इसके बावजूद, सरकार ने अभी तक निर्देश को लागू नहीं किया, जिसके चलते अवमानना याचिका दायर की गई।
इससे पहले, उच्च न्यायालय ने पाल्टा और गृह सचिव वंदना दादेल दोनों को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था। सोमवार को दादेल अदालत में पेश हुईं, जबकि पाल्टा की अनुपस्थिति को अदालत ने गंभीरता से लिया।
पीठ ने अदालती आदेशों के अनुपालन के महत्व पर बल देते हुए पाल्टा को आठ जनवरी को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया