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हाईकोर्ट ने पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में बृजभूषण की याचिका पर पुलिस से जवाब मांगा

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नयी दिल्ली: 26 सितंबर (ए) दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के पूर्व प्रमुख बृजभूषण सिंह की उस याचिका पर बृहस्पतिवार को दिल्ली पुलिस से जवाब मांगा, जिसमें सिंह ने कई महिला पहलवानों द्वारा दर्ज यौन उत्पीड़न मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी और आरोपों को रद्द करने का अनुरोध किया है।

न्यायमूर्ति मनोज कुमार ओहरी ने शिकायतकर्ता पहलवानों को भी याचिका पर नोटिस जारी किया और मामले को 13 जनवरी को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के पूर्व सांसद सिंह पर पिछले साल कई महिला पहलवानों ने यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था, जो उनके खिलाफ जांच की मांग को लेकर हफ्तों तक धरने पर बैठी थीं। मई 2023 में उच्चतम न्यायालय के हस्तक्षेप के बाद दिल्ली पुलिस ने सिंह के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

एक निचली अदालत द्वारा 21 मई को पूर्व सांसद के खिलाफ यौन उत्पीड़न, धमकी और महिलाओं की गरिमा को ठेस पहुंचाने के आरोप तय किए जाने के बाद सिंह ने पिछले महीने उच्च न्यायालय का रुख कर दावा किया कि उन्हें फंसाया गया है। उन्होंने कहा कि अभियोजन पक्ष ने जो आरोप लगाए हैं, ऐसा कोई अपराध उन्होंने नहीं किया।

उच्च न्यायालय ने 29 अगस्त को उनसे मामले में अपने सभी निवेदन दाखिल करने को कहा। सिंह ने अपनी याचिका में कहा है कि जांच पक्षपातपूर्ण तरीके से की गई क्योंकि केवल पीड़िताओं के बयानों पर ही विचार किया गया, जो उनसे बदला लेने में रुचि रखती हैं। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ आरोप तो ऐसी घटनाओं से भी संबंधित हैं जो भारत के अधिकार क्षेत्र से बाहर हुईं।

इससे पहले, पुलिस ने उच्च न्यायालय में दलील दी थी कि याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। निचली अदालत ने मामले में सह-आरोपी और डब्ल्यूएफआई के पूर्व सहायक सचिव विनोद तोमर के खिलाफ भी आपराधिक धमकी का आरोप तय किया है। उन्होंने इस याचिका में आरोपों और प्राथमिकी को चुनौती दी है।

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