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महाकुम्भ में स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए हाईटेक व्यवस्था

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प्रयागराज (उप्र): तीन दिसंबर ( ए) महाकुम्भ 2025 में स्नान के दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। इसके लिए ‘प्रादेशिक आर्म्‍ड कांस्टेबुलरी (पीएसी)’ के साथ राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) मिलकर काम कर रहे हैं। पुलिस ने यह जानकारी दी।

पुलिस महानिरीक्षक (पूर्वी जोन) डाक्टर राजीव नारायण मिश्र ने बताया कि मेले के दौरान 700 झंडे लगी नावों पर 24 घंटे पीएसी, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ के जवान तैनात रहेंगे, साथ ही संगम नोज से किलाघाट तक सभी जर्जर नावें हटाई जाएंगी।उन्होंने बताया कि देश-विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बड़े पैमाने पर ‘रिमोट लाइट बॉय’ तैनात किए जा रहे हैं जो पलक झपकते कहीं भी पहुंचने और किसी भी अनहोनी से पहले व्यक्ति को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में सक्षम हैं।

मिश्र ने बताया कि जवानों के लिए अत्याधुनिक ‘लाइफ जैकेट’, चार नई ‘फ्लोटिंग जेटी’ और बड़े पैमाने पर ‘रेस्क्यू ट्यूब’ मंगाए गए हैं जिससे किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने में ये जवान सक्षम रहेंगे।

उन्होंने बताया कि किला घाट पर अति विशिष्ट व्यक्तियों के आगमन के मद्देनजर यहां सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।

उनका कहना था कि इस घाट पर विशेष बलों की तैनाती की जा रही है। साथ ही सरस्वती घाट से लेकर संगम घाट तक कड़ी सुरक्षा की व्यवस्था की जा रही है।

मिश्र ने बताया कि महाकुम्भ को सकुशल एवं निर्विघ्न संपन्न कराने के उद्देश्य से चौथी वाहिनी एवं 42वीं वाहिनी के पीएसी के बाढ़ राहत दलों ने संगम घाट और विकसित किए जा रहे विभिन्न स्नान घाटों की भौगोलिक स्थिति का मंगलवार को निरीक्षण किया।

उन्होंने बताया कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए पीएसी की सात कंपनियां तैनात की गई हैं जिसमें एक कंपनी जीआरपी और एक कंपनी को कमिश्नरेट में तैनात किया गया है।

उनके अनुसार इसके अलावा पांच कंपनी मेले में लगाई गई है। इनमें से दो कंपनियां बाढ़ राहत दल में तैनात हैं।

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